Recognition: According to the Puranas, these are the secrets of Lord Ganesha.:मान्यता: पुराणों के अनुसार यह हैं भगवान गणेश के रहस्य

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भगवान शिव और पार्वती के पुत्र गणेश जी बुराईयों और बाधाओं का विनाश करने वाले भगवान हैं। भगवान गणेश की पूजा से विद्या, ज्ञान, बुद्धि और धन की प्राप्ति होती है। गणेश जी उन पांच प्रमुख देवताओं (ब्रह्मा, विष्णु, शिव और दुर्गा) में से एक है जिसकी मूर्ति पूजा पंचायतन पूजा के रूप में होती हैं।
1. शिवपुराण के अनुसार, भगवान गणेश को बनाने के लिए पार्वती की सखियों जया और विजया ने निर्णय लिया था। उन्होंने पार्वती को सुझाव दिया था कि वह नंदी और शिव भगवान के निर्देशों का पालन करें। इसलिए यहां एक ऐसा व्यक्ति होना चाहिए जो पार्वती के आदेशों का भी पालन करें। इसके बाद पार्वती ने अपने शरीर के मैल से भगवान गणेश को बनाया।
2. ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, देवी पार्वती ने बच्चे के लिए पुण्यक उपवास रखा था। इसका परिणाम शीघ्र आया और भगवान कृष्ण बच्चे के भेष में पार्वती का पुत्र बनकर आए।
3. ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, जब सभी देवता आशीर्वाद दे रहे थे तो शनि देव सिर झुकाकर खड़े थे। जब पार्वती ने इसका कारण पूछा तो उन्होंने उत्तर दिया मैंने सीधे गणेश जी को देखा तो उनका सिर धड़ से अलग हो जाएगा। लेकिन पार्वती ने जोर देखकर कहा गणेश की ओर देखों तो परिणामस्वरूप गणेश का सिर धड़ से अलग हो गया।
4 ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, जब शनि देव ने पार्वती के दबाव देने पर सीधे गणेश जी को देखा तो गणेश का सिर धड़ से अलग हो गया तो उसी समय भगवान श्रीहरी ने अपने गरूड़ पर उत्तर दिशा में उड़ान भरी और पुष्पभद्रा नदी की तरफ पहुंचे। जहां एक हथिनी अपने नवजात बच्चे के साथ सो रही थी। तभी उन्होंने उस हथिनी के बच्चे का सिर धड़ से अलग किया और भगवान गणेश जी धड़ पर लगाकर नया जीवन दिया।
5. ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, भगवान शिव शंकर ने एक बार क्रोधित होकर भगवान सूर्य देव पर त्रिशूल से वार किया था। इस पर सूर्य के पिता ने नाराज होकर भगवान शिव को श्राप दिया कि उन्हें भी एक दिन अपने पुत्र की शरीर का खंडन देखना होगा।
6. ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, एक दिन तुलसीदेवी गंगा को पार कर रही थी तो उसी समय गणेश जी वहां ध्यान कर रहे थे। गणेश जी को देखकर तुलसीदेवी उनकी और आकर्षित हुई और तुलसी जी ने उनसे शादी करने का प्रस्ताव रखा तो लेकिन गणेश जी ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। इससे नाराज होकर तुलसी ने गणेश जी को श्राप दिया कि तुम्हारी शादी जल्दी हो जाएगी इसके बाद गणेश जी ने तुलसी को श्राप किया कि तुम पौधा बन जाओगी।
7. शिव महापुराण के अनुसार, भगवान गणेश की शादी रिद्धी और सिद्धी के साथ हुई थी। उनके दो पुत्र हैं शुभ और लाभ।
8. शिव महापुराण के अनुसार, जब शिव भगवान त्रिपुर को नष्ट करने जा रहे थे एक आकाशवाणी हुई कि जब तक गणेश की पूजा नहीं करोंगे तब तक त्रिपुर को नष्ट नहीं कर सकते। तब शिव भगवान ने भद्रकाली को बुलाया और गणेश की पूजा की और लड़ाई जीत ली।
9. ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, जब परशुराम राम कैलाश पर्वत पर शिव भगवान से मिलने गए थे। वह ध्यान में थे तो भगवान गणेश जी ने उन्हे रोका तो परशुराम जी ने नाराज होकर गणेश पर कुल्हाड़ी से वार किया जो शिव भगवान द्वारा ही दी गई थी। जिसका वार कभी खाली नहीं जाता था। इस हमले के दौरान भगवान गणेश का एक दांत टूट गया इसलिए गणेश जी को एकदन्त के रूप में जाना जाता है।