नई दिल्ली। दुनिया की तरह भारत में भी कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप चल रहा है। इससे लड़नेके लिए लॉकडाउन किया गया था जिसके कारण अब देश की आर्थिक समस्याओं का समना करना पड़ रहा है। इससे उबरनेके लिए पीएम मोदी ने 20 लाख करोड़ के बड़े पैकेज का एलान किया है। आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इसपर विस्तार से चर्चा की। विस्तार से पैकेज के बारे बताया कि इससें सुक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग को फोकस किया गया है। हमने एमएसएमई की परिभाषा को बदला है। इसकी मांग काफी दिनों से की जा रही थी। नई परिभाषा के तहत 100 करोड़ तक के ट्रनओवर वाले उद्योग को लघु उद्योग की कैटेगरी में रखा जाएगा। वित्तमंत्री ने कहा कि सुक्ष्म उद्योग के तहत आने वाले मैन्युफैक्चरिंग एंटरप्राइज के लिए पहले निवेश की सीमा पहले 25 लाख और सर्विस इंटरप्राइज के लिए दस लाख रुपए थे, जिसे बढ़ाकर एक करोड़ कर दिया गया है। साथ ही पांच करोड़ रुपए के टर्नओवर तक को इसके माइक्रो के तहत रखा जाएगा। इन्हें पहले की तरह सारी सुविधाएं मिलेंगी। जबकि लघु उद्योग को नई परिभाषा के तहत दस करोड़ कर दिया है। सके तहत पहले मैन्युफैक्चरिंग एंटरप्राइज और सर्विस एंटरप्राइज के लिए निवेश की सीमा क्रमश: पांच करोड़ और दो करोड़ रुपए थे। इसे बढ़ाकर दस करोड़ कर दिया है। साथ ही 50 करोड़ तक का टर्नओवर होने पर उन्हें लघु उद्योग की श्रेणी की हर सरकारी छूट मिलेगी।
अब बात करते हैंमध्यम उद्योग की, वित्त मंत्री ने बताया कि मध्यम उद्योग के तहत पहले मैन्युफैक्चरिंग एंटरप्राइज और सर्विस एंटरप्राइज के लिए निवेश की सीमा क्रमश: दस करोड़ और पांच करोड़ रुपए थे। नई परिभाषा के तहत सरकार ने इसे बढ़ाकर 20 करोड़ कर दिया है। साथ ही 100 करोड़ तक का टर्नओवर होने पर उन्हें लघु उद्योग की श्रेणी की हर सरकारी छूट मिलेगी
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