अहसास हो गया ओलिम्पिक पदक विजेता और हममें फर्क नहीं : अंशू मलिक

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मनोज जोशी
रियो ओलिम्पिक खेलों में साक्षी मलिक ने 58 किलो वर्ग में पदक जीता था औरअब उसी वजन में (57 किलो) में अंशू मलिक टोक्यो में अपनी चुनौती रखेंगी। अंशू चीफ कोच कुलदीप मलिक सहित अपने सपोर्ट स्टाफ के साथ पोलैंड और एस्टोनिया का दौरा करके लौटी हैं। आज समाज के साथ उन्होंने इस दौरे के अनुभव बांटते हुए बताया कि उन्हें इन दौरों में ओलिम्पिक और वर्ल्ड चैम्पियनशिप के पदक विजेताओं के साथ भाग लेने का मौका मिला और उससे हमें यह अहसास हो गया कि उनमें और हममे बहुत फर्क नहीं हैं। 

अंशू कहती हैं कि बेशक उन्होंने वर्ल्ड कैंडेट और एशियन कैडेट में बहुत सारे मेडल जीते लेकिन अब हमें इस बात का अंदाज़ा हो गया है कि विश्व स्तर पर सीनियर वर्ग में बहुत अच्छी ट्रेनिंग के साथ ही मेडल आ सकते हैं। कैडेट और जूनियर वर्ग में हम बच्चे थे, उतना ज़्यादा पता नहीं था लेकिन अब कैम्प में हमने अपनी ग़लतियों पर बहुत काम किया है। केवल एक या दो तकनीकों से ओलिम्पिक स्तर पर मेडल नहीं जीते जा सकते। विपक्षी के हिसाब से रणनीति में बदलाव करना काफी मायने रखता है। हमें इस दौरे में खासकर ग्राउंड रेसलिंग में सुधार करने का काफी मौका मिला है। अंशू को उम्मीद है कि इस दौरे का अनुभव उनके काफी काम आएगा।

पोलैंड ओपन में भाग न लेने की वजह के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कॉम्पीटिशन से एक दिन पहले उन्हें थोड़ा बुखार आ गया था और वजन भी थोड़ा ज़्यादा था। ऐसी स्थिति में वजन कम करके और नुकसान होता। कोच और फीज़ियो ने ही इस प्रतियोगिता से उन्हें बाहर रखने का फैसला लिया जबकि वह जानती थी कि यह टोक्यो ओलिम्पिक से पहले का आखिरी रैंकिंग टूर्नामेंट है।

अंशू को कुश्ती का शौक विरासत में मिला। उनके पिता को इस बात का मलाल है कि वह कुश्ती में उतना आगे नहीं जा पाए जितना जा सकते थे। उनके चाचा हरियाणा केसरी रहे। भाई भी कुश्ती लड़ता है। क्या दिन-रात कुश्ती पर चर्चा करते हुए बोरियत नहीं होती, क्या वह कोई अन्य खेल भी खेलती हैं, इसके जवाब में अंशू कहती हैं कि मैं अन्य खेलों को फॉलो करती हूं लेकिन सिर्फ और सिर्फ कुश्ती से ही जुड़ी हूं और इसीसे ही जुड़ी रहना चाहती हूं।

अंशू मानती हैं कि राष्ट्रीय स्तर पर उनके वजन में वर्ल्ड चैम्पियनशिप की
मेडलिस्ट पूजा ढांडा और एशियाई चैम्पियन सरिता मोर मान की मौजूदगी का उन्हें फायदा हुआ है। उनके साथ प्रैक्टिस करके कॉम्पिटिशन बढ़ना मेरे लिए काफी अच्छा रहा है।

विनेश और अंशू की तैयारियों से संतुष्ट: कुलदीप मलिक


भारतीय महिला कुश्ती टीम के चीफ कोच कुलदीप मलिक ने कहा कि इस दौरे में
विनेश और अंशू की तैयारियों से वह संतुष्ट हैं। हमें इनकी ताक़त के परीक्षण करने का मौका मिला। दोनों अच्छी लय में हैं और पूरी तरह से फिट हैं। कुलदीप ने कहा कि पोलैंड के सफाला में हमारा कैम्प था जहां विश्व स्तर के तकरीबन 15 पहलवानों के साथ अभ्यास का मौका मिला। फिर एस्टोनिया में भी तकरीबन इतनी ही पहलवान थीं। वहां प्रैक्टिस, जिम और स्विमिंग पूल की अच्छी सुविधाएं थीं। एक-एक देश से कई-कई स्पेयरिंग पार्टनर आए हुए थे।

इस बार चार भारतीय महिला पहलवानों ने क्व़ॉलीफाई किया है। सीमा और सोनम इंजरी से उबर रही थीं इसलिए उन्होंने भारत में ही अभ्यास किया जबकि विनेश और अंशू ने पोलैंड और एस्टोनिया में अभ्यास किया। विनेश लम्बे समय से हंगरी में हैं और वहीं से वह टोक्यो पहुंचेंगी। कुलदीप ने कहा कि उनकी दिली इच्छा चारों बेटियों को कंधे पर बिठाकर तिरंगा लहराने की है।