पिछले दिनों इंडसइंड बैंक के अकाउंट में चूक के बाद लिया फैसला

Business News Hindi (आज समाज), बिजनेस डेस्क : भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों से संबंधित एक सख्त फैसला लेते हुए कुछ प्राईवेट और सरकारी बैंकों के डेरिवेटिव एक्सपोजर की जांच करने का ऐलान किया है। दरअसल आरबीआई ने यह फैसला इंडसइंड बैंक की ओर से अपने डेरिवेटिव अकाउंटिंग में चूक का खुलासा करने बाद लिया है। ज्ञात रहे कि मंगलवार को इंडसइंड बैंक ने इस चूक का खुलासा किया था। जिसके तुंरत बाद ही बैंक का शेयर अपने स्तर से 27 प्रतिशत नीचे चला गया था।

इसी सब के चलते भारतीय रिजर्व बैंक ने ऋणदाताओं से उनके विदेशी उधार और जमा के साथ-साथ उनके विदेशी मुद्रा हेज पोजीशन का विवरण मांगा है। अब, आरबीआई यह सुनिश्चित करना चाहता है कि भारी विदेशी देनदारियों वाले बैंक ऐसी स्थिति में न आएं, जहां पहले किए गए आंतरिक हेजिंग से होने वाले किसी भी नुकसान का हिसाब न रखा गया हो। सूत्रों का कहना है कि आरबीआई बैंकों के मामले में पुष्टि करना चाहता है कि इंडसइंड का मुद्दा किसी बड़ी समस्या का हिस्सा तो नहीं है।

एक अप्रैल से बैंकों के लिए निवेश के नए मानदंड लागू होंगे

एक अप्रैल, 2024 से बैंकों के लिए नए निवेश मानदंड लागू होने से पहले, बैंकों के एसेट लायबिलिटी मैनेजमेंट और ट्रेजरी डेस्क को आंतरिक स्वैप में एंट्री लेने की अनुमति थी, जहां एक नकदी प्रवाह को दूसरे के लिए एक्सचेंज किया जाता है।

ये बोले थे इंडसइंड बैंक के सीईओ

इंडसइंड बैंक के सीईओ सुमंत कथपालिया ने मंगलवार को कहा कि इस तरह के सौदों की समय से पहले समाप्ति के कारण लाभ की जगह नुकसान की स्थिति बन गई। इंडसइंड बैंक के शेयर मंगलवार को 27.06% गिरकर 656.80 रुपये पर गिरकर बंद हुए। इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह बैंक के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में गड़बड़ी बताई जा रही है। जिससे बैंक के कुल मार्केट कैप को 2.35 प्रतिशत का नुकसान उठाना पड़ा। इससे बैंक पर निवेशकों का भरोसा कमजोर हुआ और लोगों ने घबराकर बैंक के शेयर बेचने शुरू कर दिए। इसी वजह से बैंक के शेयरों में भारी गिरावट आ गई।

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