Aaj Samaj (आज समाज), RBI June Repo Rate, नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार आठवीं बार रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बुधवार को शुरू हुई तीन दिवसीय बैठक में लिए गए निर्णय की शुक्रवार को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महंगाई को टिकाऊ स्तर यानी चार प्रतिशत पर लाने और वैश्विक अनिश्चितता के बीच आर्थिक वृद्धि को गति देने के मकसद से नीतिगत दर को यथावत रखा गया है।
यह निर्णय भी बरकरार
शक्तिकांत दास ने कहा कि इसके साथ एमपीसी सदस्यों ने लक्ष्य के अनुरूप खुदरा महंगाई को लाने के लिए उदार रुख को वापस लेने के अपने निर्णय को भी बरकरार रखने का निर्णय लिया है। रेपो दर को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखने का मतलब है कि मकान, वाहन समेत विभिन्न कर्जों पर मासिक किस्त (ईएमआई) में फिलहाल कोई बदलाव नहीं होने वाला है। केंद्रीय बैंक ने पिछली बार फरवरी 2023 में रेपो दर बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत की थी।
पिछली बार रेपो दर फरवरी 2023 में 6.5 प्रतिशत की थी
केंद्रीय बैंक ने पिछली बार फरवरी 2023 में रेपो दर बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत की थी। इस बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट 6.5 फीसदी कर दी गई। इसके बाद लगातार 8 बार केंद्रीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक हो चुकी है। बता दें कि रेपो रेट के आधार पर बैंक लोन की ब्याज दर पर फैसला लेते हैं।
वित्त वर्ष 2025 के लिए 7.2% रह सकती जीडीपी
शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025 के लिए वास्तविक जीडीपी 7.2 फीसदी रह सकती है. पहली तिमाही में जीडीपी 7.3 फीसदी, दूसरी में 7.2 फीसदी, तीसरी तिमाही में 7.3 फीसदी तो चौथी तिमाही में 7.2 फीसदी की से रफ्तार से बढ़ सकती है(
खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान बरकरार
पिछले एमपीसी की तरह ही वित्त वर्ष के लिए खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान बरकरार रखा गया है। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 4.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। आरबीआई का अनुमान है कि महंगाई पहली तिमाही में 4.9 फीसदी, दूसरी में 3.8 फीसदी, तीसरी में 4.6 फीसदी और चौथी तिमाही में 4.5 फीसदी रह सकती है।
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