RBI ने रेपो रेट में फिर किया 0.25 फीसदी का इजाफा, अब हुए 6.50 फीसदी, लोन और ईएमआई होंगे और महंगे

0
316
RBI Increase Repo Rate

आज समाज डिजिटल, RBI Increase Repo Rate : आरबीआई यानि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने लगातार छठवीं बार ब्याज दरों में इजाफा किया है। आज RBI ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वॉइंट का इजाफा किया, जिससे यह 6.25 फीसदी से बढ़कर 6.50 फीसदी हो गया है।

इसके पहले दिसंबर 2022 में रेपो रेट में 35 बेसिस प्‍वॉइंट का इजाफा किया था, 30 सितंबर को रेपो रेट में 50 बेसिस प्‍वॉइंट की बढ़ोतरी, अगस्‍त 2002 में 50 बेसिस प्‍वॉइंट, जून में 50 बेसिस प्वॉइंट और मई में 40 बेसिस प्वॉइंट का इजाफा हुआ था। दरअसल, आरबीआई किसी भी तरह महंगाई को कंट्रोल करना चाहता है। 

ब्याज दरों पर फैसले के लिए 6 फरवरी से मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग चल रही थी। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास आज बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ब्याज दरों से जुड़ी घोषणा करेंगे। देश में बेहताशा महंगाई के चलते देश की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ रहा है और रिकवरी में रुकावटआ रही है। ऐसे में महंगाई को कंट्रोल करने के लिए रिजर्व बैंक (RBI) ने ब्याज दरों में आज यानी 8 फरवरी 2023 को रेपो रेट में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है। 

इस साल GDP ग्रोथ 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान (RBI Increase Repo Rate)

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor) ने कहा कि कि मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी के 6 सदस्यों में से 4 ने रेपो रेट बढ़ाने के पक्ष में मतदान किया। उन्होंने (Shaktikanta Das) कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में GDP ग्रोथ 6.4 फीसदी रहने की संभावना है। पहली तिमाही में GDP ग्रोथ 7.8 फीसदी संभव है। वहीं महंगाई दर 6.7 फीसदी से घटकर 6.5 फीसदी रहने की उम्‍मीद है। जबकि चौथी तिमाही में महंगाई दर 5.9 फीसदी से घटकर 5.6 फीसदी पर रहने की उम्‍मीद है। 

बता दें कि एक्‍सपर्ट के मुताबिक, रिटेल इनफ्लेशन रिजर्व बैंक के 6 फीसदी के संतोषजनक स्तर से नीचे आ चुकी है। वहीं अप्रैल से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की ग्रोथ सुस्त पड़ने की उम्मीद है।

RBI Governor की मुख्य बातें

  • आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वास्तविक नीतिगत दर सकारात्मक दायरे में है और मुद्रास्फीति में नरमी के संकेत दिख रहे हैं। यह नरम हो रही है।
  • वहीं कारोबारी साल 2024 के लिए CPI महंगाई का अनुमान 5.3 फीसदी लगाया गया है। पहली तिमाही में यह पांच फीसदी, दूसरी तिमाही में 5.4 फीसदी, तीसरी तिमाही में 5.4 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.6 फीसदी रह सकती है।
  • कारोबारी साल 2023 के लिए CPI महंगाई का अनुमान 6.5 फीसदी लगाया गया है। चौथी तिमाही में यह 5.7 फीसदी रह सकती है।
  • महंगाई की वजह से पूरी दुनिया में माहौल बदला है। दास ने कहा कि पिछले 3 सालों से दुनिया भर में अनिश्चिता बढ़ी है। वैश्विक आर्थिक स्थिति काफी सुधरी है लेकिन महंगाई ज्यादा है।
  • बजट से आने वाले दिनों में मांग और बढ़ेगी। FY23 में महंगाई अनुमान से कम, ग्रामीण भारत से मांग बढ़ी।
  • शहरी क्षेत्रों की बात करें, तो यहां खपत के बढ़ने की उम्मीद है। इसके साथ ही कंज्यूमर डिमांड में भी बढ़ोतरी की उम्मीद है।
  • मूल्य का दबाव कम होने की वजह से कई केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दर वृद्धि की स्पीड को कम कर दिया है या दर वृद्धि को रोक दिया है, हालांकि, मुख्य मुद्रास्फीति स्थिर बनी हुई है। दास ने कहा कि भारत में महंगाई 4 फीसदी लक्ष्य से ज्यादा होगी।
  • कारोबारी साल 2023-24 में रियल जीडीपी ग्रोथ रेट के 6.4 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया गया है। पहली तिमाही में यह 7.8 फीसदी होगी, दूसरी तिमाही में 6.2 फीसदी, तीसरी तिमाही में 6 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.8 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया है।
  • आर्थिक गतिविधि रेजिलिएंट बनी हुई है। ग्रामीण मांग में वृद्धि जारी है।
  • मार्जिनल स्टैंडिंग फसिलिटी (MSF) रेट और बैंक रेट 6.75 फीसदी हो गई है।
  • दास ने कहा कि एसडीएफ दर अब 6.25 फीसदी हो गई है।
  • रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी और सीआरआर 4.50 फीसदी हो गई है।
    केंद्रीय बैंक ने लोन ग्राहकों को बड़ा झटका दिया है। रेपो रेट 6.25 फीसदी से बढ़कर 6.50 फीसदी हो गई है।

महंगाई कम करने के लिए रेपो रेट अहम

RBI ने पिछले साल महंगाई के पीक पर पहुंच जाने के बाद से मई 2022 से ब्याज दरों में इजाफा करना शुरू किया था। तब से अब तक 6 बार ब्‍याज दरें बढ़ चुकी हैं। आरबीआई हर हाल में महंगाई को कंट्रोल करना चाहता है और रेपो रेट महंगाई से लड़ने का एक शक्तिशाली टूल होता है।

जब महंगाई बहुत ज्यादा होती है तो, RBI रेपो रेट बढ़ाकर इकोनॉमी में मनी फ्लो को कम करने की कोशिश करता है। यदि रेपो रेट ज्यादा होगा तो बैंकों को RBI से मिलेने वाला कर्ज महंगा होगा। बदले में बैंक अपने ग्राहकों के लिए लोन महंगा कर देंगे। इससे इकोनॉमी में मनी फ्लो कम होगा। बाजार में जब मनी फ्लो कम होगा तो मांग में कमी आएगी, इससे चीजें सस्ती होंगी महंगाई घटेगी।

ये भी पढ़ें : अडाणी के शेयरों में भारी गिरावट जारी, 3 शेयर ASM लिस्ट में शामिल

ये भी पढ़ें : Adani Group को लेकर मूडीज भी अलर्ट, जानिए क्या कहा कंपनी ने

ये भी पढ़ें : General Budget 2023-24 Updates: युवाओं व महिलाओं को बड़ी सौगात, रेलवे के लिए अब तक का सबसे बड़ा बजट

ये भी पढ़ें : Budget 2023-24 Update: प्रति व्यक्ति इनकम दोगुनी से बढ़कर 1.97 लाख रुपए : निर्मला सीतारमण

ये भी पढ़ें : RBI ने बैंकों से मांगा अडाणी को दिए कर्ज का ब्यौरा, FPO रद्द होने के बाद भी अडानी इंटरप्राइसेस का शेयर 10 प्रतिशत से ज्यादा गिरा

Connect With Us: Twitter Facebook