• रेपो दर 25 आधार अंकों से घटाकर 6.25 प्रतिशत की
  • वाहन, होम-पर्सनल लोन की EMI में राहत की उम्मीद

RBI Governor Sanjay Malhotra, (आज समाज), मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रेपो रेट यानी नीतिगत ब्याज दर में पांच साल बाद कटौती की है। इसके मुताबिक ब्याज दरों को 6.5 फीसदी से घटाकर 6.25 फीसदी कर दिया गया है। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद रिजर्व बैंक के नवनियुक्त गवर्नर संजय मल्होत्रा ने फैसले की आज जानकारी दी।

आरबीआई गवर्नर ने चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला

आरबीआई गवर्नर ने बताया कि एमपीसी ने सर्वसम्मति से नीतिगत दर को 25 आधार अंकों (बीपीएस) से घटाकर 6.5 प्रतिशत से 6.25 प्रतिशत करने का फैसला किया है। उन्होंने इस दौरान वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के चलते उत्पन्न चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला। संजय मल्होत्रा ने कहा कि उच्च आवृत्ति संकेतक व्यापार में लचीलापन और विस्तार का सुझाव देते हैं, लेकिन कुल मिलाकर वैश्विक विकास ऐतिहासिक औसत से नीचे बना हुआ है।

फरवरी 2023 से रेपो रेट 6.5 प्रतिशत पर स्थिर

गौरतलब है कि फरवरी 2023 से रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया था। कोरोना काल के दौरान मई-2020 में आरबीआई ने लास्ट टाइम ब्याज दर 0.40 फीसदी घटाकर इसे 4 प्रतिशत कर दिया था। पर इसके बाद मई 2022 में ब्याज दरों में बढ़ोतरी शुरू की। यह मई 2023 तक चलती रही। इस दौरान रेपो रेट 2.50 फीसदी बढ़ाकर इसे 6.5 प्रतिशत तक पहुंचा दिया गया था। नीतिगत ब्याज दरों में कटौती के बाद वाहन, होम व पर्सनल लोन की ईएमआई में राहत मिलने की उम्मीद है। सस्ते कर्ज से आम लोगों पर ईएमआई का बोझ कम हो सकता है।

अमेरिकी डॉलर में मजबूती आई : आरबीआई गवर्नर

वैश्विक वित्तीय बाजार की गतिशीलता पर चर्चा करते हुए रिजर्व बैंक गवर्नर ने बताया कि संयुक्त राज्य अमेरिका में दरों में कटौती के आकार और गति के बारे में अपेक्षाओं के कारण अमेरिकी डॉलर में मजबूती आई है। उन्होंने कहा, वैश्विक आर्थिक पृष्ठभूमि चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। उच्च आवृत्ति संकेतक व्यापार में निरंतर विस्तार के साथ-साथ लचीलेपन के सुझाव के बावजूद वैश्विक अर्थव्यवस्था ऐतिहासिक औसत से नीचे बढ़ रही है।

5 फरवरी से चल रही थी बैठक

एमपीसी ने 5 फरवरी, 2025 को नई ब्याज दरों पर चर्चा करने और उन्हें निर्धारित करने के लिए अपनी तीन दिवसीय बैठक शुरू की। दिसंबर 2024 में पिछली एमपीसी बैठक के दौरान, आरबीआई ने नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 50 आधार अंकों की कटौती की घोषणा की, जिससे यह 4 प्रतिशत हो गया। हालांकि, इसने बेंचमार्क रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा।

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