नई दिल्ली। आरबीआईने बीते साल दो हजार के नोट की छपाई नहीं की। अपनी रिपोर्ट मेआरबीआई ने कहा कि साल 2019-20 में 2000 रुपये के नोट नहींछापेगए और बीते सालों में 2000 रुपये के नोट का चलन भी कम हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार 2000 रुपये के नोट का चलन मार्च 2018 के अंत में 33,632 लाख पीस था जबकि मार्च 2019 में यह कम हो गया और केवल 32,910 लाख पीस पर आ गया। आरबीआई ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा कि मार्च 2020 के अंत तक 2000 रुपये के नोट का सर्कुलेशन 27,398 लाख पीस पर आ गया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी रिपोर्टमेंकहा है कि भारत को अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सतत वृद्धि और व्यापक सुधारो की जरूरत है। इस कोविड-19 महामारी के दौर मेंभारत की अर्थव्यवस्था को लेकर आरबीआई ने रिपोर्टमें कहा कि सतत वृद्धि की राह पर लौटने के लिए गहरेसुधारों की आवश्यकता है। केंद्रीय बैंक ने आगाह किया है कि इस महामारी की वजह से देश की संभावित वृद्धि दर की क्षमता नीचे आएगी। रिजर्व बैंक ने यह भी कहा कि कोरोना महामारी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को बुरी तरह से तोड़ दिया है। भविष्य में वैश्विक अर्थव्यवस्था का आकार इस बात पर निर्भर करेगा कि इस महामारी का फैलाव कैसा रहता है, यह महामारी कब तक रहती है और कब तक इसके इलाज का टीका आता है। केंद्रीय बैंक का ‘आकलन और संभावनाएं 2019-20ह्ण की वार्षिक रिपोर्ट का हिस्सा हैं।
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