गगन बावा, गुरदासपुर :
Dussehra 2021 : दशहरा पर्व को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। शुक्रवार को दशहरा का पर्व हर्षोल्लास के साथ कोविड गाइडलाइन के नियमों का पालन कर मनाया जाएगा। सरकारी कॉलेज के खेल मैदान बड़े मेले का आयोजन होने जा रहे है। इसके अलावा डा ग्राऊंड बटाला रोड में दशहरा मेले का आयोजन किया जाएगा। सरकारी कॉलेज मैदान में दशहरा मेला कमेटी की ओर से मेले का आयोजन होगा, जिसमें विधायक बरिंदरमीत सिंह पाहड़ा मुख्य मेहमान के तौर पर पहुंचेंगे। प्रधान जोगिंदगपाल कालिया ने बताया कि रावण का 65 फुट का पुतला आकर्षण का केंद्र रहेगा।
कोरोना संकट के दो साल बाद दशहरा (Dussehra 2021)
महासचिव अटल महाजन, मंच सचिव सतीश कालिया, केशियर विपन महाजन, ज्वाइंट सचिव योगेश शर्मा, सीनियर वाइस प्रधान केदारनाथ शर्मा, ज्वाइंट सचिव जतिंदर परदेसी, उप प्रधान सुनील महाजन, ज्वइंट सचिव पवन चौहान और सचिव शिव नंदा ने बताया कि दशहरा में मंचन को लेकर दिशा नाट्?य मंच के कलाकारों ने तैयारियां शुरू कर दी है। प्रतिदिन अपने-अपने पाठ को लेकर कलाकार प्रैक्टिस शुरू कर दी है। इस बार 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ कोविड के गाइडलाइन के नियमों का पालन करते हुए दशहरा का पर्व मनाया जाएगा। इसके अलावा इस बार आतिशबाजी देखने के लायक होगी। ज्ञात रहे कि कोरोना संकट के दो साल बाद दशहरा मैदान में एक बार फिर रावण की हंसी की गूंज सुनाई देगी। जिस प्रकार कोरोना ने लोगों के जीवन का प्रभावित किया था, इसका असर पर्वों में देखने को मिला था। इस साल कोविड संक्रमण का दर कम होने से आयोजन समिति ने दशहरा पर्व मनाने का फैसला लिया है।
रामलीला के मंचन में रावण की भूमिका (Dussehra 2021)
30 साल से पुतलों का निर्माण कर रहे प्रभजोत सिंह : शहर में सिख परिवार से संबंधित प्रभजोत सिंह पिछले 30 साल से रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों का निर्माण करते आ रहे हैं। हिंदू-सिख एकता की मिसाल कायम कर रहे प्रभजोत बताते हैं कि वह खुद भी करीब 10 साल तक रामलीला के मंचन में रावण की भूमिका निभा चुके हैं। पहले वे किसी के साथ मिलकर पुतलों का निर्माण करते थे, लेकिन अब पिछले करीब 20 साल से खुद इनके निर्माण में जुटे हुए हैं।शहरी व ग्रामीण इलाकों में होने वाले मेलों के आयोजन के लिए वह परिवार के साथ मिलकर पुतलों का निर्माण करते आ रहे हैं। सरकारी कॉलेज ग्राऊंड में लगने वाले मेले के लिए इस बार 65 फुट ऊंचे रावण के पुतले का निर्माण किया गया है। उन्होंने बताया कि पिछले साल कोरोना के कारण केवल 15 फुट ऊंचे पुतलों का निर्माण किया गया था, लेकिन इस बार महामारी से बचाव के कारण दशहरा पर्व पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है।