Ratan Tata: रतन टाटा के आदर्श व सिद्धांत प्रेरणादायक

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रतन टाटा के आदर्श व सिद्धांत प्रेरणादायक
Ratan Tata: रतन टाटा के आदर्श व सिद्धांत प्रेरणादायक

रतन टाटा के अनमोल विचारों से मिलती रहेगी प्रेरणा
New Delhi (आज समाज) नई दिल्ली: टाटा संस गु्रप के चेयरमैन रतन टाटा का निधन हो गया। बुधवार देर रत उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। रतन टाटा के निधन की खबर से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। रतन टाटा का कारोबार व उद्योग जगत में एक बड़ा नाम था। रतन टाटा की गिनती देशभक्तों में भी होती थी। वे हमेशा देश सेवा के लिए तैयार रहते थे। कोविड के समय में भी उन्होंने 500 करोड़ रुपए दान कर देश सेवा में अपना योगदान दिया। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी रतन टाटा ने बहुत दान किया।

रतन टाटा ने सादगी पूर्ण जीवन व्यतीत किया। भले ही रतन टाटा अब हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन उनके आदर्श, सिद्धांत, प्रेरणादायक और अनमोल विचार से युवा पीढ़ियों को जीवन में सफलता के लिए नई दिशा मिलती रहेगी। साथ ही रतन टाटा के विचार आपको जीवन के वास्तविक यथार्थ से परिचित कराकर जीवन जीना भी सिखाएंगे।

रतन टाटा के अनमोल विचार

जीवन में आगे बढ़ने के लिए उतार-चढ़ाव बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि ईसीजी में एक सीधी रेखा का मतलब है कि हम जीवित नहीं है।
हम इंसान हैं कोई कम्प्यूटर नहीं, इसलिए जीवन का मजा लीजिये, इसे हमेशा गंभीर मत बनाइये।
ऐसी कई चीजें हैं, जो अगर मुझे दोबारा जीने का मौका मिले तो शायद मैं अलग ढंग से करूंगा। लेकिन मैं पीछे मुड़कर यह नहीं देखना चाहूंगा कि मैं क्या नहीं कर पाया।
अगर लोग आप पर पत्थर मारते हैं तो उन पत्थर का उपयोग अपना महल बनाने में कर लें।
अगर आप तेजी से चलना चाहते हैं तो अकेले चलिए. लेकिन अगर आप दूर तक चलना चाहते हैं तो साथ मिलकर चलिए।
मैं सही फैसले लेने में विश्वास नहीं करता। मैं फैसले लेता हूं और फिर उन्हें सही साबित कर देता हूं।

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