बारिश में भीगते परिवार को देखकर आया कार बनाने का आइडिया
New Delhi (आज समाज) नई दिल्ली: देश के बड़े कारोबारी टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा का बुधवार देर रात मुबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। रतन टाटा दो दिन पहले चेकअप के लिए अस्पताल आए थे। लेकिन डॉक्टर्स ने उनकी खराब हालत हो देखते हुए अस्पताल में ही भर्ती कर लिया था। रतन टाटा बीमारियों से जुझ रहे थे। उनके निधन की खबर से देश-विदेश के हर जगत में शोक ही लीर दौड़ गई। रतन टाटा कारोबारी होने के साथ-साथ सच्चे देशभक्त और बड़े दानी सज्जन थे। उन्होंने हमेश देश की तरक्की के लिए कार्य किया। काम आदमी की जिंदगी से जुड़ा किस्सा आज हम आपको बता रहे है। जब रतन टाटा ने देश की सबसे सस्ती कार बनाने की घोषणा की हो पूरे व्यापार जगत में सनसनी फैल गई थी। एक साक्षात्कार में रतन टाटा बताते है कि उन्हें एक बार देखा की स्कूटर पर बारिश के मौसम में एक परिवार जा रहा है। बच्चा मां और पिता के बीच बैठा हुआ है। अक्सर फिसलन भरी सड़कों पर भी इस तरह से लोग स्कूटर से सफर करते हुए नजर आते थे।
इसी घटना ने उन्हें देश की सबसे सस्ती कार बनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने आगे बताया कि स्कूल आॅफ आर्किटेक्चर में होने का एक फायदा यह है कि इसने मुझे खाली समय में डूडल बनाना सिखाया। पहले हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे थे कि दो पहिया वाहनों को कैसे सुरक्षित बनाया जाए, लेकिन डूडल चार पहियों वाले बन गए, जिसमें कोई खिड़कियां नहीं, कोई दरवाजे नहीं, बस एक साधारण ड्यून बग्गी। लेकिन मैंने आखिरकार फैसला किया कि इसे कार होना चाहिए। नैनो, हमेशा हमारे सभी लोगों के लिए थी।
2008 में पेश की टाटा नैनो
नैनो को जनवरी 2008 में आटो एक्सपो में आम आदमी की कार के रूप में पेश किया गया था। हालांकि, यह कार बाजार में कुछ ज्यादा कमाल नहीं कर पाई। कार को मार्च 2009 में बाजार में उतारा गया था, जिसकी शुरूआती कीमत लगभग एक लाख रुपये थी। भले ही लागत में वृद्धि हुई हो, रतन टाटा ने जोर देकर कहा था कि वादा तो वादा ही होता है।
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