टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा का निधन
New Delhi (आज समाज) नई दिल्ली: टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा अब इस दुनिया में नहीं रहे है। बुधवार देर रात 86 वर्षीय रतन टाटा का निधन हो गया। रतन टाटा के निधन की खबर सुनते ही पूरा व्यापार जगत व देश शोक में डूब गया। रतन टाटा लंबे समय से बीमारियों से जूझ रहे थे। मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में रतन टाटा ने आखरी सांस ली। उनके निधन की खबर सबसे पहले उद्योगपति हर्ष गोयनका ने दी है। रतन टटा ने देश के सबसे पुराने कारोबार घराने टाटा ग्रुप को एक नए मुकाम पर पहुंचाया है। रतन टाटा अपने साथ काम करने वाले लोगों के लिए भी हमेशा खड़े रहते थे। वह अपने कर्मचारियों को परिवार का हिस्सा मानते थ। एक बार तो वो अपने स्टाफ के लिए गैंगस्टर से भी भिड़ गए थे।
कर्मचारियों की हड़ताल करवाना चाहता था गैंगस्टर
एक इंटरव्यू के दौरान रतन टाटा ने बताया कि एक बार टाटा मोटर्स के कारोबार को गैंगस्टर ने नुकसान पहुंचाने की कोशिश की थी। गैंगस्टर ने टाटा मोटर्स के कर्मचारियों के साथ मारपीट की और उन्हें डरा-धमका रहा था। रतन टाटा ने गैंगस्टर को रोकने के लिए खुद मोर्चा संभाला। इसका बाद उस गैंगस्टर ने टाटा मोटर्स के काम में मुश्किल खड़ी करने की कोशिश की। उसने कर्मचारियों में फूट डालने के लिए कंपनी के करीब 2000 कर्मचारियों को अपने साथ कर लिया था। फूट डालने, डराने-धमकाने के साथ-साथ गैंगस्टर टाटा मोटर्स के कर्मचारियों के साथ मारपीट करता था और उन्हें काम बंद करने के लिए धमकाता था।
इसके बाद कई कर्मचारियों ने गैंगस्टर के डर से काम बंद कर दिया। वो कंपनी में कर्मचारियों की हड़ताल करवाना चाहता था, लेकिन रतन टाटा ऐसा होने नहीं देना चाहते थे। इसके बाद रतन टाटा खुद प्लांट पहुंचे और कई दिनों तक तक वहीं रहे। कर्मचारियों को भरोसा दिलाया कि वो उनके साथ हैं। ऐसे जाकर कर्मचारियों ने वापिस काम शुरू किया।
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