सिंह राशि का 1 मार्च 2022 का राशिफल Leo Horoscope Today

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Pisces Horoscope Today
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Leo Horoscope Today

आज समाज डिजिटल, अंबाला :

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशे: प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशे: प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

सिंह Leo Horoscope Today

Leo Horoscope Today
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अब तक इधर-उधर समय खराब कर चुके लोगों के लिए सूचना है कि अब समाज सेवा करने की प्रेरणा प्राप्त होगी। इसी प्रेरणा के चले आपको मान-सम्मान भी प्राप्त होने का योग है। अब जिस वस्तु के खाने से परेशान थे वह खोई हुई वस्तु भी मिलने के प्रबल योग हैं। यदि आप व्यापार और व्यवसाय पर निर्भर हैं तो शुभ संकेत हैं कि व्यापार और व्यवसाय अच्छा चलेगा।

नौकरी पेशा लोगों के लिए अच्छे योग के संकेत हैं कि नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रसन्नता प्राप्त होगी। आपको शत्रुओं से दूरी बनाने का सुझाव दे रहे हैं कि इस दौरान आपके शत्रु सक्रिय रहेंगे। जोखिम और जमानत लेने के लिए यह समय सही नहीं है। इस तरह के कार्य बिलकुल न करें।

आपका दिन शुभ होगा। जय श्रीराम (Leo Horoscope Today)

जय श्री राधे
एक मार्च, 2022 दिन मंगलवार, फाल्गुन-चतुर्दशी, कृष्ण पक्ष

तिथि——– चतुर्दशी 24:59:51      तक
पक्ष———————– कृष्ण
नक्षत्र——- धनिष्ठा 27:46:53
योग———–परिघ 11:15:38
करण—–विष्टि भद्र 14:05:46
करण———शकुनी 24:59:51
वार———————मंगलवा
माह——————– फाल्गुन
चन्द्र राशि —– मकर 16:30:26
चन्द्र राशि ——————– कुम्भ
सूर्य राशि—————–   कुम्भ
रितु———————- शिशिर
सायन——————–वसन्त
आयन—————- उत्तरायण
संवत्सर——————– प्लव
संवत्सर (उत्तर)————- आनंद
विक्रम संवत————- 2078
विक्रम संवत (कर्तक)——2078
शाका संवत————– 1943

वृन्दावन

सूर्योदय————- 06:45:05
सूर्यास्त————– 18:18:20
दिन काल———– 11:33:14
रात्री काल———– 12:25:45
चंद्रास्त————- 16:56:45
चंद्रोदय————– 30:37:56

सूर्य नक्षत्र————- शतभिषा
चन्द्र नक्षत्र————— धनिष्ठा
नक्षत्र पाया—————–ताम्र

पद, चरण

गा—- धनिष्ठा 10:53:47

गी—- धनिष्ठा 16:30:26

गु—- धनिष्ठा 22:08:05

गे—- धनिष्ठा 27:46:53

  ग्रह गोचर Leo Horoscope Today

        ग्रह =राशी   , अंश  ,नक्षत्र,  पद
==========================
सूर्य=कुम्भ  16:12 ‘ शतभिषा  ,     3      सी
चन्द्र =मकर  24:23 ‘ धनिष्ठा   ,   1        गा
बुध = मकर  22:07  ‘ श्रवण   ‘   4       खो
शुक्र=मकर   01:05, उ ङ्मषा ङ्म  ‘  2        भो
मंगल=मकर  01:30  ‘  उ ङ्म षा ङ्म ‘ 2     भो
गुरु=कुम्भ  19:30 ‘   शतभिषा,     4      सू
शनि=मकर 24:33 ‘     धनिष्ठा   ‘  1       गा
राहू=(व)वृषभ  02:20’   कृतिका ,   2      ई
केतु=(व)वृश्चिक  02:20 विशाखा , 4       तो

 मुहूर्त प्रकरण Leo Horoscope Today

राहू काल 15:25 – 16:52 अशुभ
यम घंटा 09:38 – 11:05 अशुभ
गुली काल 12:32 – 13:58  अशुभ
अभिजित 12:09 -12:55 शुभ
दूर मुहूर्त 09:04 – 09:50 अशुभ
दूर मुहूर्त 23:17 – 24:03 अशुभ

पंचक 16:30 – अहोरात्र अशुभ

चोघडिया, दिन
रोग 06:45 – 08:12 अशुभ
उद्वेग 08:12 – 09:38 अशुभ
चर 09:38 – 11:05 शुभ
लाभ 11:05 – 12:32 शुभ
अमृत 12:32 – 13:58 शुभ
काल 13:58 – 15:25 अशुभ
शुभ 15:25 – 16:52 शुभ
रोग 16:52 – 18:18 अशुभ

चोघडिया, रात
काल 18:18 – 19:52 अशुभ
लाभ 19:52 – 21:25 शुभ
उद्वेग 21:25 – 22:58 अशुभ
शुभ 22:58 – 24:31 शुभ
अमृत 24:31 – 26:04 शुभ
चर 26:04 – 27:38 शुभ
रोग 27:38 – 29:11 अशुभ
काल 29:11 – 30:44 अशुभ

होरा, दिन
मंगल 06:45 – 07:43
सूर्य 07:43 – 08:41
शुक्र 08:41 – 09:38
बुध 09:38 – 10:36
चन्द्र 10:36 – 11:34
शनि 11:34 – 12:32
बृहस्पति 12:32 – 13:29
मंगल 13:29 – 14:27
सूर्य 14:27 – 15:25
शुक्र 15:25 – 16:23
बुध 16:23 – 17:21
चन्द्र 17:21 – 18:18

होरा, रात
शनि 18:18 – 19:20
बृहस्पति 19:20 – 20:23
मंगल 20:23 – 21:25
सूर्य 21:25 – 22:27
शुक्र 22:27 – 23:29
बुध 23:29 – 24:31
चन्द्र 24:31 – 25:33
शनि 25:33 – 26:36
बृहस्पति 26:36 – 27:38
मंगल 27:38 – 28:40
सूर्य 28:40 – 29:42
शुक्र 29:42- 30:44

 उदयलग्न प्रवेशकाल  

कुम्भ   > 06:04  से  07:32   तक
मीन    > 07:32    से 09:01   तक
मेष     > 09:01    से  11:46  तक
वृषभ   > 11:46  से  13:25   तक
मिथुन  > 13:25 से  14:49  तक
कर्क    > 14:49   से  17:13  तक
सिंह    > 17:13    से 18:14  तक
कन्या  >  18:14   से  09:29  तक
तुला   >  09:29  से   11:56 तक
वृश्चिक > 11:56  से  02:10  तक
धनु     > 03:10  से   04:12    तक
मकर   > 04:12  से 06:04   तक

विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा   +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमश: सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी  अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है ’
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च ’
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ’’

  अग्नि वास ज्ञान  -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेरमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दशार्येत् ।।

15 + 14 + 3 + 1 = 33 रु 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है ’

 ग्रह मुख आहुति ज्ञान

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु  आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

 केतु ग्रह मुखहुति

शिव वास एवं फल -:

29 + 29 + 5 = 63  रु 7 = 0 शेष

शमशान वास = मृत्यु कारक

भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

दोपहर 14:05 तक समाप्त

पाताल = धनलाभ कारक

    विशेष जानकारी  

महाशिवरात्रि पर्व

श्री वासुदेव पूज्यनाथ जयन्ती

बैद्यनाथ जयन्ती

पंचक प्रारम्भ 16:30 से

   शुभ विचार Leo Horoscope Today

दूरागतं पथि श्रान्तं वृथा च गृहमागतम् ।
अनर्चयित्वा यो भुङ्क्ते स वै चाण्डाल उच्यते ।।
।।चा ङ्म नी ङ्म।।

वह आदमी चंडाल है जो एक दूर से अचानक आये हुए थके मांदे अतिथि को आदर सत्कार दिए बिना रात्रि का भोजन खुद खाता है.

सुभाषितानि  

गीता -: क्षेत्रक्षेत्रज्ञविभागयोग अङ्म-13

बहिरन्तश्च भूतानामचरं चरमेव च ।,
सूक्ष्मत्वात्तदविज्ञयं दूरस्थं चान्तिके च तत् ॥,

वह चराचर सब भूतों के बाहर-भीतर परिपूर्ण है और चर-अचर भी वही है।, और वह सूक्ष्म होने से अविज्ञेय (जैसे सूर्य की किरणों में स्थित हुआ जल सूक्ष्म होने से साधारण मनुष्यों के जानने में नहीं आता है, वैसे ही सर्वव्यापी परमात्मा भी सूक्ष्म होने से साधारण मनुष्यों के जानने में नहीं आता है) है तथा अति समीप में (वह परमात्मा सर्वत्र परिपूर्ण और सबका आत्मा होने से अत्यन्त समीप है) और दूर में (श्रद्धारहित, अज्ञानी पुरुषों के लिए न जानने के कारण बहुत दूर है) भी स्थित वही है॥,15॥,

आचार्य  नीरज  पाराशर (वृन्दावन), (व्याकरण, ज्योतिष और पुराणाचार्य

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