प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बदलने की लगातार कर रहा हुड्डा गुट मांग
पवन शर्मा
भिवानी। सीएलपी का पद पाने के बाद पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गुट अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाने को बेताब है। मगर जैसे ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का ब्यान आया तो माना जा रहा है कि असंतुष्ट नेताओं को भी झटका सा लगा है। राहुल ने साफ कर दिया है कि जो लोग हकीकत और भाजपा का सामना नहीं कर सकते वे पार्टी छोड़ सकते हैं।
राजनीति के जानकारों का मानना है कि इस बात में कोई शक नहीं कि हुड्डा का प्रदेश की राजनीति में विशेष वर्चस्व है। मगर लोगों का यह भी मानना है कि बिना कांग्रेस के हुड्डा के पास कुछ भी नहीं है।
रोहतक, सोनीपत, पानीपत व झज्जर जिलों के अलावा पूर्व सीएम का केवल हल्का फुल्का वोट ही माना जाता है। सिरसा, फतेहाबाद में जहां लोकदल का दबदबा है वहीं भिवानी, दादरी में बंसीलाल परिवार का विशेष प्रभाव है। भाजपा की अच्छी खासी हवा के बाद भी किरण चौधरी तोशाम से मोटे मार्जन से चुनाव जीती है। इसके अलावा कैथल में रणदीप चुनाव भले ही हार गए हों मगर उनके प्रभाव से इंकार नहीं किया जा सकता। हालांकि पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश जेपी का अपना वोट बैँक जींद व कैथल में है और वो इस समय पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ हैं।
अहिरवाल में कांग्रेस का अपना वोट बैँक है। राजनीति विशेषलेश्कों का मानना है कि बुरी पॉजिशन के बाद भी रेवाड़ी से कैप्टन अजय यादव के बेटे चिरंजिव राव का जीतना व महेंद्रगढ़ से राव दानसिंह का विधायक बनना यह बताता है कि अहिरवाल में भाजपा को केवल कांग्रेस चुनौती देने में सक्षम है न कि कोई व्यक्ित विशेष । हुड्डा के सीएम रहते अहिरवाल में विकास न करने का आरोप भी इंद्रजीत एंड कंपनी लगातार लगाती रही है।
सैलजा के लगातार प्रदेश में दौरे करने व महंगाई के खिलाफ प्रदर्शनों से साफ संदेश है कि वे अभी किसी प्रकार का खतरा महसूस नहीं कर रही हैं। इसके साथ ही प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी विवेक बंसल भी उनके साथ कार्यक्रमों में मौजूद रहते हैं।
फिलहाल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के कड़े संदेश के बाद ऐसे आसार लग रहे हैं कि हुड्डा गुट को चुप्पी साधने में ही अपनी भलाई समझनी पड़ेगी।