-थाना शहर के 2 पुलिस अधिकारियों की करतूत
-दस लाख में रेप का मामला रफा-दफा करने पर थाना शहर के दो एएसआई के खिलाफ मामला दर्ज, जांच कर रही एक महिला एएसआई भी शामिल
-महिला एएसआई के पति ने बिचौलिया बन लिए पैसे और कराया समझौता
-डीएसपी ने अपनी जांच में दोनों पुलिस अधिकारियों को ठहराया दोषी
नरेश भारद्वाज, कैथल:
थाना शहर के दो पुलिस कर्मचारियों पर रेप के मामले को दबाने और उसमें 10 लाख रुपए रिश्वत लेने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। डीएसपी ने जांच में दोनों अधिकारियों को दोषी पाया है। इस पूरे मामले में जांचकर्ता महिला एएसआई का पति व पूंडरी थाने का एचसी भी शामिल बताया जाता है। पूरा मामला शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
गांव मानस की रहने वाली मीनाक्षी पत्नी विक्रम अर्जुन नगर के गली नंबर 4 में रह रही है। उसने 27 अगस्त को थाना शहर में शिकायत दी कि अर्जुन नगर के ब्लॉक फैक्ट्री के मालिक सुशील लाला ने उसे रात के समय काम करने के बहाने फैक्टरी में बुलाया और उसके साथ रेप किया। थाना शहर प्रभारी ने मामले की जांच लेडी एएसआई सुदेश रानी व एएसआई राजकुमार के हवाले कर दी। लेकिन दोनों पुलिस अधिकारियों ने ब्लॉक फैक्ट्री के मालिक के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने की बजाए 10 लाख रुपए में डील करके मामला रफा-दफा कर दिया। उन्होंने इस दस लाख में से तीन लाख चुप रहने की एवज में पीड़ित मीनाक्षी को भी दिए। यह पूरा लेन देन लेडी एएसआई सुदेश रानी के पति पट्टी अफगान निवासी धरमवीर के माध्यम से हुआ। किसी तरह यह मामला एसपी के संज्ञान में आया। उन्होंने मामले की जांच डीएसपी(सीएडब्ल्यू) सौंप दी। डीएसपी ने अपनी जांच में पाया कि मीनाक्षी ने रात को 10:00 बजे थाना शहर में ठेकेदार सुशील के खिलाफ शिकायत दी थी। शिकायत पर कार्रवाई करने की बजाय दोनों पुलिस अधिकारियों ने एफ आई आर दर्ज नहीं की और मामले को पेंडिंग रख लिया। अगले दिन 28 अगस्त को दोनों पक्षों को बुलाकर रेप के आरोप वाली शिकायत वापिस करके दूसरी शिकायत लिखवा ली। पुलिस अधिकारियों ने धर्मवीर व सतीश त्यागी नामक व्यक्तियों को बीच में डालकर समझौता करवा दिया। डीएसपी क्राइम अगेंस्ट वूमेन ने अपनी जांच में लिखा है कि दोनों पुलिस अधिकारियों ने महिला विरुद्ध अपराध को नजरअंदाज कर मामले मामले को लटका दिया। जिस पर उन्होंने दोनों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की। थाना शहर कैथल में 31 अगस्त को डीएसपी दिलीप सिंह की रिपोर्ट पर लेडी एएसआई सुदेश व एएसआई राजकुमार के खिलाफ 166ए 120 बी के तहत मामला दर्ज कर लिया गया।
जिन दोनों जांचकर्ता पुलिस अधिकारियों पर आरोप है।उन्होंने समझौता करवाते समय मीनाक्षी द्वारा दी गई दरखास को भी बदल दिया। डीएसपी दिलीप सिंह ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख किया है पूंडरी थाने का हेड कांस्टेबल दलबीर सिंह इस मामले में संलिप्त पाया गया है। सुशील कुमार मामले को रफा-दफा करवाने के लिए पूंडरी गया और हेड कांस्टेबल दलबीर सिंह से भी मिला। पुलिस अधिकारियों पर मामला दर्ज होने के बाद धारा 120 बी के तहत लेडी एएसआई सुदेश के पति धर्मवीर व हेड कांस्टेबल धर्मवीर पर भी इस मामले की आंच आएगी। फिलहाल पुलिस की कार्रवाई और जांच दोनों जारी है। जिन पर लोगों की नजर लगी हुई है।
इस बारे में उप पुलिस अधीक्षक (सीएडब्ल्यू) दलीप सिंह ने बताया कि अर्जुन नगर वासी एक महिला ने थाना शहर में एक शिकायत की थी और उसमें सुशील के खिलाफ आरोप लगाए गए थे। मामले की जांच कर रहे थाना शहर कैथल के दो पुलिस अधिकारियों ने मामले को पेंडिंग रख लिया और एफ आई आर दर्ज नहीं की। दोनों के विरुद्ध धारा 166 व 120 बी आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया है।