आरती राव ने ली मंत्री पद की शपथ
जोश से लबालब है राव के समर्थक
Mahendragarh News (आज समाज) महेंद्रगढ़: गत विधानसभा चुनाव एक और जहां भाजपा के लिए अहम था तो दूसरी और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के लिए भी यह विधानसभा चुनाव काफी अहम था। गत लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा का पूर्ण बहुमत न आने के कारण कार्यकर्ताओं में काफी मायूसी देखने को मिल रही थी। हरियाणा विधानसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार मिली नायब जीत से भाजपा कार्यकर्ताओं के चेहरे खिल उठे। वहीं दूसरी और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के लिए भी यह चुनाव काफी अहम रहा। राव इंदरजीत सिंह भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की कसौटी पर तो खरे उतरे ही साथ में अपनी बेटी आरती राव को भी विधायक बनाकर मंत्री बनाया। सत्ता विरोधी लहर के चलते भाजपा को दक्षिणी हरियाणा में केवल राव इंद्रजीत सिंह का ही सहारा था।
भाजपा का शीर्ष नेतृत्व यह जानता था कि दक्षिणी हरियाणा को फतह के बिना तीसरी बार सत्ता हासिल नहीं की जा सकती। इसीलिए उन्होंने दक्षिणी हरियाणा के कद्दावर नेता व केंद्रीय मंत्री राव इंदरजीत सिंह को एक तरह से टिकट बंटवारे में फ्री हैंड दिया। भाजपा ने या तो टिकट अपने खास समर्थकों को दिया या फिर राव की सहमति से ही टिकट दिया गया। राव ने टिकट बंटवारे में ही अपने कुछ खास राजनीतिक घोर विरोधियों को टिकट से महरूम कर दिया।
विधानसभा चुनाव में राव कई मोर्चा पर लड़ रहे थे, एक तरफ तो भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की कसौटी पर खरा उतरने की चुनौती थी तो दूसरी और अपने विरोधियों को ठिकाने लगाने की भी चुनौती थी। साथ में अपने जिन खास समर्थकों को टिकट दिलवाया था उनकी जीत भी अपने दम पर सुनिश्चित करनी थी और सबसे बड़ी चुनौती अपनी बेटी आरती राव को विधानसभा पहुंचाने की थी। विरोधियों ने राव को असफल करने के तमाम प्रयास किये लेकिन राव की सियासत के आगे सभी विरोधियों के हौसले पस्त होते चले गए। राव ने अपने दम पर ही कोसली विधानसभा से अनिल डहिना, बावल आरक्षित विधानसभा क्षेत्र से डॉ. कृष्ण कुमार, रेवाड़ी विधानसभा से लक्ष्मण सिंह यादव, अटेली से आरती राव, महेंद्रगढ़ विधानसभा से कंवर सिंह, नारनौल से ओम प्रकाश यादव, पटौदी से विमला चौधरी व गुरुग्राम से मुकेश शर्मा व सोहना विधानसभा से तेजपाल तंवर को विधानसभा का चुनाव जितवाने में मदद की।
आरती राव वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में भी टिकट की मांग कर रही थी लेकिन भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें टिकट नहीं दी। इस बार भाजपा की हालत पतली थी और भाजपा ने एक तरह से राव के सामने पूरी तरह से आत्मसमर्पण कर दिया। आरती राव को अटेली से टिकट दिया गया। टिकट की घोषणा के बाद से ही विरोधियों ने आरती राव को हराने के लिए साम दाम दंड भेद नीति अपनाई लेकिन उसके बावजूद भी आरती राव विधानसभा का चुनाव जीत गई। आरती राव की यह जीत विरोधियों को यह बताने के लिए पर्याप्त है कि राव के कद के सामने अभी भी उनके विरोधी काफी बोने दिखाई दे रहे हैं। आरती राव व भाजपा की जीत की गूंज काफी दूर तक सुनाई देगी।
यह भी पढ़ें : Bihar Hooch Tragedy: जहरीली शराब से अकेले सिवान में 28 लोगों की मौत, कुल 33
Chandigarh News: डेराबस्सी डीएसपी बिक्रम सिंह बराड़ की अगुवाई में थाना लालडू में शिकायत निवारण…
Chandigarh News: चंडीगढ़ आज समाज चंडीगढ़ ग्रामीण सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते…
Chandigarh News: स्थानीय लोहगढ़ गांव में 2 महीने पहले इंटरलॉक टाइल लगाकर एक सड़क बनाई…
Chandigarh News: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की पहल के…
Chandigarh News: शनिवार सुबह-सुबह एक कार जीरकपुर के के-एरिया लाइट प्वाइंट पर डिवाइडर से टकरा…
Chandigarh News: चंडीगढ़ के धनास के पास सारंगपुर में भीषण आग लगने का मामला सामने…