एक बेहद गरीब परिवार की महिला अपनी आवाज की बुलंदियों की बदौलत सिनेमाई दुनिया में तहलका मचा दिया है। स्वर कोकिला लता मंगेसर के गाए गीत एक प्यार का नगमा है ने रानू को बुलंदियों पर पहुंचा दिया। कभी इसी गीत को गाकर रानाघाट रेलवे स्टेश पर दो वक्त की रोटी तलाशती थीं। कहते हैं वक्त बदलते देर नहीं लगती। यह भी सच है कि किस्मत को गढ़ना बेहद मुश्किल है। रानू की जिंदगी बदलने में सबसे बड़ा हाथ तो ईश्वर का है। लेकिन असली भाग्य विधाता तो धरती का भगवान सॉफ्टवेयर इंजीनियर यतींद्र चक्रवर्ती है जिसने उसका वीडियो वायरल कर हिमेश रेशमिया तक पहुंचाया। हिमेश रेशमिया बॉलीवुड की नामचीन हस्तियों में शुमार हैं। हिंदी फिल्मों में आज उनके गीत और संगीत का जलवा है। सोशलमीडिया पर रानू मंडल का वायरल हुआ वीडियो हिमेश को इतना भाया की उन्होंने अपनी आने वाली फिल्म हैप्पी- हार्डी और हीर के लिए दो गाने भी रानू से गवाए। जिसकी वजह से उसकी ख्याति और बढ़ गई। हिमेश की तरफ से लॉन्च किए जाने के बाद अब पूरा बॉलीवुड उसे हाथों-हाथ लेना चाहता है। संगीतकार ए रहमान और सोनू निगम भी उसके साथ गाना गाना चाहते हैं। इसी को कहते हैं तकदीर। कभी मैं अपने हाथों की लकीरों से नहीं उलझा। मुझे मालूम है किस्मत का लिखा भी बदलता है। मशहूर शायर बशीर वद्र का यह शेर रानू की जिंदगी पर फिट बैठता है। हाथ की सारी लकींरे कभी मिटने के बाद उग आती हैं। शायद रानू मंडल के साथ भी यही हुआ।
हालांकि बॉलीवुड की दुनिया में उसका कैरियर बहोत लंबा नहीं है क्योंकि रानू जिंदगी के 60वें मोड़ पर पहुंच चुकी है। वह 1960 में पैदा हुई। उसने कहा भी है कि उसकी जिंदगी में इतने मोड़ हैं जिस पर पूरी फिल्म बन सकती है। रानू जब छह माह की थीं तभी उसका साथ माता-पिता से छूट गया। दादी ने किसी तरफ पालन पोषण किया। बाद में उसने अपनी शादी बॉलीवुड स्टार फिरोज खान के रसोइए बाबू मंडल से कर ली। जिसके बाद वह मुंबई चली आई। लेकिन इस शादी के बाद से उसके जीवन का संघर्ष शुरू हो गया। परिवार में दरार बढ़ने लगा। बाद में उसके पति की मौत हो गई और जिंदगी चलाने के लिए उसने रानाघाट को अपनी मंजिल बना लिया। स्टेशन पर रफी साहब के गीत जिसे लता मंगेशकर ने स्वर दिया था। उसी सदाबहार गीत एक प्यार का नगमा है को गाकर आजीविका चलाने लगी। रानू मंडल की आवाज में गजब की कशिश है। जिस आवाज को अब तक कोई नहीं पढ़ पाया था। उसे यतींद्र चक्रवर्ती ने पढ़ा और वीडियो सूट कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। जिस पर हिमेश रेशमिया के साथ कई नामचीन हस्तियों की निगाह पड़ी।
लेकिन कहते हैं हीरे की पहचान जौहरी ही करता है। आखिर हिमेश सबसे पहले बाजी मार ले गए। हिमेश के साथ गाए रानू के वीडियो इतने वायरल हुए की वह बॉलीवुड कि स्टार गीतकार बन गई। जबकि उसका भाग्य विधाता यतींद्र चक्रवर्ती रानू उसका मैनेजर बन कर कामधाम संभालने लगा है। रानू के पास एक बेटी भी है, लेकिन मां के दिन जब गर्दिश में थे तो उसने भी किनारा कर लिया था। अब रानू के लाखों चाहने वाले हो गए हैं। जबकि पूर्व में उसे कोई पहचानता तक नहीं था। आज उसकी आवाज की कीमत करोड़ों में हो गई है। क्योंकि रानू की आवाज अभी सस्ते में बिकेगी और फिल्मी दुनिया के लोग चाहेंगे की जितना अधिक से अधिक हो उसकी आवाज का इस्तेमाल किया जाए। हालांकि रानू की उम्र और पढ़ाई-लिखाई भी कामकाज में बांधा बन सकती है। लेकिन यतींद्र सब कुछ संभाल लेगा। क्योंकि रानू के साथ अब उसका भी भविष्य जुड़ गया है। फिल्मी दुनिया में रानू की सफलता का रास्ता हिमेश ने खोल दिया है। आइडियल सीजन-10 के विजेता सलमान अली ने भी उसके साथ एक गीत गाया है।
वह भी सोशल मीडिया में खूब धमाल मचा रहा है। अब तक उसे करोड़ों लोग देख चुके हैं। टीवी शो सुपर स्टार सिंगर के जजों से मिलने के बाद उसका गया गीत भी तेजी से वायरल हो रहा है। दुनिया भर में उसकी पहचान एक भारतीय संगीतकार के रुप में हो गई है। लोग दिन-रात उसे इंटरनेट पर खोज रहे हैं। युवाओं की वह पहली पसंद बन गई है। वह हर आम और खास के बीच चर्चा का मसला बन गई है। यू-ट्यूब पर जो भी व्यक्ति उसकी आजवा सुन रहा है वह रानू का मुरीद हो जा रहा है। जिसकी वजह से दुनिया भर में इंटरनेट पर उसके फालोवर बढ़ते जा रहे हैं। वह मुंबई में अपना एक घर चाहती है। उसकी कामयाबी का राज इसी से पता चल सकता है कि बॉलीवुड के साथ दक्षिण भारतीय और बंग्ला फिल्म उद्योग में मांग बढ़ने लगी है।
रानू मंडल की इस सफलता में भारतीय रेल का भी बड़ा हाथ हैं। अगर उसे रेल की शरण न मिली होती तो शायद यह कामयाबी उसे नहीं मिल पाती। उसकी सफलता की दूसरी सबसे बड़ी वजह सोशल मीडिया है। सोशल मीडिया आज की स्थिति में चाहे जिसे आम से खास बना दे। रानू की सफलता में सबसे बड़ा हाथ सोशलमीडिया का है। आज की युवापीढ़ी इसकी ताकत को पहचानती है। सोशलमीडिया न होती तो शायद रानू रानाघाट स्टेशन पर ही दो वक्त रोटी के लिए संघर्ष करती दिखती। उसकी प्रतिभा का सम्मान कैसे होता। लोग उसे कैसे जानते।
अगर आपके पास टैंलेंट है तो आप भी सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर अपनी प्रतिभा को पूरी दुनिया में नई पहचान दिला सकते हैं। यतींद्र चक्रवर्ती जैसे लोगों की कमी भी नहीं है जो रानू मंडल को रातों-रात स्टार बना देते हैं। बस हमें वक्त के साथ अपने नजरिए को बदलना होगा। दुनिया आपके साथ खड़ी है बस एक कदम आगे बढ़ाने की जरुरत है। हालांकि रानू मंडल के सामने अभी बड़ी चुनौतियां भी हैं। जिसके निपटना आसान नहीं होगा। लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं है कि उसने जिंदगी को नए सिरे से परिभाषित किया है। रानू अपनी प्रतिभा और मेहनत के बल कर जल्द की भारतीय फिल्म उद्योग में नया मुकाम हासिल करेगी। समाज में उस जैसे लाखों लोग हैं, लेकिन हम अपनी जिंदगी की जद्दोजहद से निकलकर दूसरों के लिए सोचते हीं नहीं। ऐसी प्रतिभाओं को खोजकर सरकार, समाज के सामने लाने की जरूरत है।
हालांकि बॉलीवुड की दुनिया में उसका कैरियर बहोत लंबा नहीं है क्योंकि रानू जिंदगी के 60वें मोड़ पर पहुंच चुकी है। वह 1960 में पैदा हुई। उसने कहा भी है कि उसकी जिंदगी में इतने मोड़ हैं जिस पर पूरी फिल्म बन सकती है। रानू जब छह माह की थीं तभी उसका साथ माता-पिता से छूट गया। दादी ने किसी तरफ पालन पोषण किया। बाद में उसने अपनी शादी बॉलीवुड स्टार फिरोज खान के रसोइए बाबू मंडल से कर ली। जिसके बाद वह मुंबई चली आई। लेकिन इस शादी के बाद से उसके जीवन का संघर्ष शुरू हो गया। परिवार में दरार बढ़ने लगा। बाद में उसके पति की मौत हो गई और जिंदगी चलाने के लिए उसने रानाघाट को अपनी मंजिल बना लिया। स्टेशन पर रफी साहब के गीत जिसे लता मंगेशकर ने स्वर दिया था। उसी सदाबहार गीत एक प्यार का नगमा है को गाकर आजीविका चलाने लगी। रानू मंडल की आवाज में गजब की कशिश है। जिस आवाज को अब तक कोई नहीं पढ़ पाया था। उसे यतींद्र चक्रवर्ती ने पढ़ा और वीडियो सूट कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। जिस पर हिमेश रेशमिया के साथ कई नामचीन हस्तियों की निगाह पड़ी।
लेकिन कहते हैं हीरे की पहचान जौहरी ही करता है। आखिर हिमेश सबसे पहले बाजी मार ले गए। हिमेश के साथ गाए रानू के वीडियो इतने वायरल हुए की वह बॉलीवुड कि स्टार गीतकार बन गई। जबकि उसका भाग्य विधाता यतींद्र चक्रवर्ती रानू उसका मैनेजर बन कर कामधाम संभालने लगा है। रानू के पास एक बेटी भी है, लेकिन मां के दिन जब गर्दिश में थे तो उसने भी किनारा कर लिया था। अब रानू के लाखों चाहने वाले हो गए हैं। जबकि पूर्व में उसे कोई पहचानता तक नहीं था। आज उसकी आवाज की कीमत करोड़ों में हो गई है। क्योंकि रानू की आवाज अभी सस्ते में बिकेगी और फिल्मी दुनिया के लोग चाहेंगे की जितना अधिक से अधिक हो उसकी आवाज का इस्तेमाल किया जाए। हालांकि रानू की उम्र और पढ़ाई-लिखाई भी कामकाज में बांधा बन सकती है। लेकिन यतींद्र सब कुछ संभाल लेगा। क्योंकि रानू के साथ अब उसका भी भविष्य जुड़ गया है। फिल्मी दुनिया में रानू की सफलता का रास्ता हिमेश ने खोल दिया है। आइडियल सीजन-10 के विजेता सलमान अली ने भी उसके साथ एक गीत गाया है।
वह भी सोशल मीडिया में खूब धमाल मचा रहा है। अब तक उसे करोड़ों लोग देख चुके हैं। टीवी शो सुपर स्टार सिंगर के जजों से मिलने के बाद उसका गया गीत भी तेजी से वायरल हो रहा है। दुनिया भर में उसकी पहचान एक भारतीय संगीतकार के रुप में हो गई है। लोग दिन-रात उसे इंटरनेट पर खोज रहे हैं। युवाओं की वह पहली पसंद बन गई है। वह हर आम और खास के बीच चर्चा का मसला बन गई है। यू-ट्यूब पर जो भी व्यक्ति उसकी आजवा सुन रहा है वह रानू का मुरीद हो जा रहा है। जिसकी वजह से दुनिया भर में इंटरनेट पर उसके फालोवर बढ़ते जा रहे हैं। वह मुंबई में अपना एक घर चाहती है। उसकी कामयाबी का राज इसी से पता चल सकता है कि बॉलीवुड के साथ दक्षिण भारतीय और बंग्ला फिल्म उद्योग में मांग बढ़ने लगी है।
रानू मंडल की इस सफलता में भारतीय रेल का भी बड़ा हाथ हैं। अगर उसे रेल की शरण न मिली होती तो शायद यह कामयाबी उसे नहीं मिल पाती। उसकी सफलता की दूसरी सबसे बड़ी वजह सोशल मीडिया है। सोशल मीडिया आज की स्थिति में चाहे जिसे आम से खास बना दे। रानू की सफलता में सबसे बड़ा हाथ सोशलमीडिया का है। आज की युवापीढ़ी इसकी ताकत को पहचानती है। सोशलमीडिया न होती तो शायद रानू रानाघाट स्टेशन पर ही दो वक्त रोटी के लिए संघर्ष करती दिखती। उसकी प्रतिभा का सम्मान कैसे होता। लोग उसे कैसे जानते।
अगर आपके पास टैंलेंट है तो आप भी सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर अपनी प्रतिभा को पूरी दुनिया में नई पहचान दिला सकते हैं। यतींद्र चक्रवर्ती जैसे लोगों की कमी भी नहीं है जो रानू मंडल को रातों-रात स्टार बना देते हैं। बस हमें वक्त के साथ अपने नजरिए को बदलना होगा। दुनिया आपके साथ खड़ी है बस एक कदम आगे बढ़ाने की जरुरत है। हालांकि रानू मंडल के सामने अभी बड़ी चुनौतियां भी हैं। जिसके निपटना आसान नहीं होगा। लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं है कि उसने जिंदगी को नए सिरे से परिभाषित किया है। रानू अपनी प्रतिभा और मेहनत के बल कर जल्द की भारतीय फिल्म उद्योग में नया मुकाम हासिल करेगी। समाज में उस जैसे लाखों लोग हैं, लेकिन हम अपनी जिंदगी की जद्दोजहद से निकलकर दूसरों के लिए सोचते हीं नहीं। ऐसी प्रतिभाओं को खोजकर सरकार, समाज के सामने लाने की जरूरत है।