रणजी ट्रॉफी 2019-20 फाइनल चल रहा है। सौराष्ट्र और बंगाल दोनों टीमें अपने खेल के साथ-साथ मैदान पर जुबानी जंग भी छेड़ रही हैं। राजकोट के सौराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम पर रणजी फाइनल के चौथे दिन सुबह के सत्र में यही सब देखने को मिला। ऐसा लगा कि खिलाड़ियों और टीमों का सब कुछ दांव पर लगा है। सौराष्ट्र के कप्तान जयदेव उनादकट, सुदीप चटर्जी और ऋद्धिमान साहा के बीच चौथी विकेट के लिए बढ़ती साझेदारी से परेशान हो रहे थे। इसका परिणाम यह हुआ कि जब उन्होंने गेंद गुस्से में बल्लेबाज की तरफ फेंकी तो मिडिल स्टंप उखाड़ दिया।
यह वाक्या लंच से पहले हुआ। चटर्जी और साहा ने सौराष्ट्र के गेंदबाजों को काफी परेशान कर दिया था। खासतौर पर साहा ने बेहतरीन बल्लेबाजी की। भारतीय टीम के इस विकेटकीपर-बल्लेबाज का कैच उनादकट की गेंद पर विश्वराज जडेजा ने छोड़ दिया था। लंच के बाद सौराष्ट्र ने कॉट बिहाइंड की अपील साहा के लिए की, लेकिन रिप्ले में साफ दिखाई दिया कि बल्ला जमीन से लग चुका था। बंगाल ने 3 विकेट पर 225 रन बनाए, लेकिन वे अब भी सौराष्ट्र से 200 रन पीछे थे। सौराष्ट्र ने पहली पारी में 425 रन बनाए थे। अर्पित वासवाडा ने 106, अवि बरोट ने 54, विश्व राज जडेजा ने 54 और चेतेश्वर पुजारा ने 66 रन बनाए।
इससे पहले बंगाल के प्रमुख कोच अरुण लाल ने विकेट की आलोचना करते हुए कहा, ‘बहुत ही खराब विकेट है। बोर्ड को इन चीजों के बारे में देखना चाहिए। यह विकेट क्रिकेट के लिए ठीक नहीं है। पिच क्यूरेटर ने हालांकि अरुण की बात का खंडन किया और कहा कि विकेट में पुअर जजमेंट की वजह से बल्लेबाज और गेंदबाज मात खा रहे हैं। उन्होंने कहा, बंगाल कोच द्वारा जल्दबाजी में लिए गये खराब निर्णयों का परिणाम है कि कोच को इस तरह के बयान देने पड़ रहे है।