अयोध्या विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला दिया। लगातार चालीस दिनों तक इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चलती रही। इसके बाद सीजेआई रंजन गोगई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ ने एक मत से अयोध्या विवाद का फैसला सुनाया। उन्होंने राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद जमीन के दशकों पुराने विवाद में विवादित जमीन हिंदू पक्षकारों को और पांच एकड़ जमीन मुस्लिम पक्षकारों को देने की बात कही। उन्होंने अपने निर्णय में स्पष्ट किया कि यह जमीन मुस्लिम पक्ष को सरकार महैया कराएगी। भारत के ज्यादातर राजनीतिक दलों ने इस फैसले का स्वागत किया है। सभी आम लोगों को शांति बनाए रखने और भाईचारे को बनाए रखने की अपील कर रहे हैं। विश्व हिंदू परिषद के पूर्व नेता प्रवीण तोगड़िया ने राम मंदिर मामले में सक्रीय भूमिका निभाई थी। प्रवीण तोगड़िया ने बीबीसी से बात कर कहा कि हिन्दुओं का वहीं, भव्य मंदिर का 450 वर्षों का संघर्ष का सपना आज चरितार्थ हो रहा है। साढ़े चार सालों में चार लाख लोगों के बलिदान, लाखों कारसेवक, राम भक्तों का अपने परिवार, करियर की कुबार्नी आज चरितार्थ हो रही है। मैं सर्वोच्च न्ययालय के निर्णय का स्वागत करता हूं। केन्द्र सरकार को ट्रस्ट बनाना है. मैं आशा करता हूं कि ट्रस्ट बनाते समय उनको राम मंदिर बनाने के लिए मारे गए और अपना घर बार, करियर तक छोड़ देने वालों की याद भी मंदिर के साथ जोड़ना चाहिए ताकि हिन्दुओं का यह गौरवमयी संघर्ष आने वाली पीढ़िया याद रहें। आग उन्होंने कहा कि मुझे दुख हो रहा है कि आंदोलन करके इतने लोग क्यों मरे? एक ही मां के दो बेटे कोठारी बंधु, गोधरा के रेलवे स्टेशन पर 59 लोग क्यों मरे, क्योंकि उन्होंने आंदोलन किया था।
यदि कोर्ट से ही राम मंदिर बनाना था तो अच्छा वकील नियुक्त करना चाहिए था, तो आंदोलन क्यों किया? क्योंकि 1984 से आरएसएस-भाजपा ने कहा कि यह कांग्रेस की सरकार है। हमें सोमनाथ के बाद संसद में कानून से राम मंदिर बनाना है, कांग्रेस की सरकार मंदिर नहीं बनाती। आंदोलन करो, सरकार हटाओ, हमारी सरकार लाओ। ”सौगंध राम की खाते हैं मंदिर वहीं बनाएंगे” यह कहकर लालकृष्ण आडवाणी ने सोमनाथ से अयोध्या तक रथ यात्रा निकाली। उन्होंने कहा कि आदोंलन इसलिए हुआ था कि राम मंदिर बनाया जाए। राम मंदिर भी किस तरह से बनया जाए इसके लिए कहा जाता था कि भाजपा की सरकार आए और वह संसद में कानून बनाकर राम मंदिर बनाए। 2014 में पूर्ण बहुमत की सरकार आयी तब तीन तलाक का कानून बना लेकिन राम मंदिर का कानून नहीं बना। राम मंदिर तो सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से बना। प्रवीण तोगडिया ने कहा कि राम मंदिर के नाम पर सत्ता हथियाने के लिए लोगों को मरवा दिया। अगर यह हुआ है तो यह पाप है और भगवान पाप का दंड देगा। प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि क्या बाबरी मस्जिद का ढांचा गिरा न होता तो मंदिर वहां बनता? लेकिन कुछ लोग ऐसे भी थे जो कहते थे कि जब तक बाबरी ढांचा खड़ा है तब तक उसे दिखाकर वोट मिलेगा। यह ढह गया तो वोट नहीं मिलेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि वोटों के लिए लोग मुसलमानों के लिए बाबरी ढांचा नहीं बचाना चाहते थे। उन्होंने कहा कि छह दिसंबर की सुबह लाखों कारसेवकों ने बाबरी ढांचा गिरा दिया। लेकिन एक व्यक्ति कल्याण सिंह थे जिन्होंने अपनी सरकार भी कुर्बान कर दी. आज वही व्यक्ति कल्याण सिंह अकेले बैठे हैं और उन पर केस भी चलता है. इसलिए कोई सत्ता के लिए बाबरी बचाना चाहता था और कल्याण सिंह राम के लिए अपनी सरकार भी कुर्बान कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि 2014 जब सरकार आई तब बैठकें हुर्इं मैंने कहा सोमनाथ की तरह कानून बनेगा, बैठकें कई बार हुर्इं लेकिन मंदिर नहीं बना। हमें कहा गया कि आप यह बातें छोड़ दीजिए तो हमने उन्हें छोड़ दिया।