नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले पर फैसला सुनाया था जिसके बाद आदेशानुसार आज लोकसभा में पीएम मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करने वाले ट्रस्ट का ऐलान कर दिया। बता दें कि बरसो से चल रहे अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया था कि विवादित स्थल पर राम लला विराजमान का हक है। वहां कोर्ट ने मंदिर निर्माण की अनुमति दी जबकि मुस्लिम पक्षकारों को कोर्ट ने अयोध्या में ही मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन आवंटित करने का आदेश दिया था। बुधवार को सुबह केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद पीएम ने लोकसभा में जानकारी दी कि राम मंदिर का निर्माण करने वाले ट्रस्ट का नाम श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र होगा। यह पूरी तरह से मंदिर निर्माण कार्य के लिए स्वतंत्र होगा। साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड के लिए पांच एकड़ जमीन को भी राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है। संसद सत्र के पांचवें दिन पीएम ने यह घोषणा की। उन्होंने कहा,’आज मैं बहुत ही अहम मुद्दे पर एक जानकारी देने के लिए उपस्थित हुआ हूं। यह विषय करोड़ों देशवासियों की तरह मेरे हृदय के लिए भी करीब है। यह विषय श्रीराम जन्मभूमि से जुड़ा हुआ है। यह विषय अयोध्या में श्रीराम जन्मस्थली पर भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण से जुड़ा हुआ है।’ पीएम मोदी ने कहा, ‘9 नवंबर 2019 को मैं करतापुर साहिब कॉरिडोर के उद्घाटन हेतु पंजाब में था। उस दिन दिव्य वातावरण में मुझे देश की सर्वोच्च अदालत द्वारा राम जन्मभूमि को लेकर फैसले के बारे में पता चला था। सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि इस पर राम लला का ही हक है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि केंद्र और राज्य सरकार आपस में परामर्श कर सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन आवंटित करे।’ मेरी सरकार ने कोर्ट के आदेशानुसार, श्रीरामजन्मस्थली पर भगवान राम के मंदिर के निर्माण के लिए एक वृहत योजना तैयार की है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, भगवान राम के मंदिर ट्रस्ट का नाम श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र होगा। यह ट्रस्ट मंदिर निर्माण पर फैसले लेने के लिए पूर्ण तौर पर स्वतंत्र होगा।
उन्होंने कहा कि काफी गहन विचार के बाद सुन्नी वक्फ बोर्ड के लिए 5 एक जमीन के लिए राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है। पीएम मोदी ने कहा कि संसद में अयोध्या धाम की पवित्रता से हम सभी भलीभांति पर परिचित हैं। अयोध्या में मंदिर निर्माण और भविष्य में राम लला के दर्शन के लिए और आने वाले समय में श्रद्धालुओं की संख्या और उनकी भावना का ध्यान रखते हुए एक फैसला लिया गया है। मेरी सरकार ने फैसला किया है कि अधिगृहित संपूर्ण भूमि जो लगभग 67.03 एकड़ है, जिसमें भीतरा और बाहरी आंगन भी सम्मिलित है, उसे नव गठित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को दिया जाएगा।
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