नई दिल्ली। खाने पीने के सामनों में मिलावट भारत में आम बात हो गई है। इस पर किसी का कोई अंकुश नहीं है। सरकारें भी इस पर केवल दिखावे की कार्रवाई करती हैं। मिठाई, फल कुछ भी मिलावट से बचा नहीं है। लेकिन शायद अब इस पर कुछ कार्रवाई हो क्योंकि अब तो खुद केंद्रीय मंत्री इसके शिकंजे में हैं। मोदी सरकार में खाद्य एवं आपूर्ति और उपभोक्ता मंत्रालय के मंत्री राम विलास पासवान के घर मोम की परत वाले सेब पहुंचे। दक्षिणी दिल्ली के खान मार्केट में स्थित एक फल की दुकान से पासवान के घर सेब गया जिस पर मोम की परत लगी थी जिस पर राम बिलास पासवान भड़क गए। जिसे कि सेबों को ज्यादा चमकदार दिखाने के लिए लगाया गया था। जैसे ही उन्होंने इस मुद्दे को उठाया विभिन्न एजेंसियां कार्रवाई के मूड में आईं और उनके मंत्रालय ने खाद्य सुरक्षा नियामक (एफएसएसएआई) को पत्र लिखकर उपभोक्ताओं को विष पदार्थ वाले खाद्य पदार्थों की बिक्री पर ध्यान देने के लिए कहा है। पासवान ने कहा कि उन्होंने एक प्रतिष्ठित दुकान से सेबों को खरीदा था। उन्होंने कहा, ‘जब मैं रशियन सलाद बनाने जा रहा था तो मैंने कुक से सेबों को धोने के लिए कहा। मैं इस बात को ध्यान में रखता हूं कि सभी चमकदार खाद्य पदार्थों को अच्छी तरह से धोया जाए। उसने मुझे बताया कि कई बार धोने के बावजूद सेब चमक रहे हैं। जब उसने चाकू से मोम की परत हटाई तो हमने पाया कि सेबों को चमकदार बनाने के लिए उसपर मोम की मोटी परत लगाई गई है। मैंने अपने विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी।’ मंत्री ने बताया कि इन आयातित सेबों की कीमत 420 रुपये प्रति किलोग्राम है। दुकानदार ने इस बात को स्वीकार किया है कि उसे आजादपुर मंडी से मोम की परत वाले अमेरीकी सेबों का पैकेट मिला है। दुकान के मालिक ने कहा, ‘हम मोम की परत वाले किसी भी फल को नहीं बेचते हैं और इसलिए हमारे अलग-अलग ग्राहक हैं। जैसे ही हमें शिकायत मिली हमने उन सेबों को हटा दिया। हम सर्वश्रेष्ठ मानकों का पालन करते हैं और पहले कभी ऐसा कोई मामला नहीं आया। गुणवत्ता निरीक्षक जो नियमित अंतराल पर हमारी दुकान पर आते हैं, उन्हें यहां कभी भी कोई मोम वाला फल नहीं मिला है।’मंत्री ने अपना निजी अनुभव मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान तब बताया जब उनसे उपभोक्ताओं से अतिरिक्त सावधानी बरतने और अतिरिक्त चमकदार दिखने वाले फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से धोने की अपील करने के लिए कहा गया।