सोमवार रात को मुख्य सचिव ने जारी किए आदेश
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: रिटायर्ड आईएएस अधिकारी राजेश खुल्लर की चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी के पद पर नियुक्ति को लेकर आदेश गत रात जारी कर दिए गए है। अबकी बार उन्हें कैबिनेट रैंक का दर्जा नहीं दिया गया है। अब राजेश खुल्लर की मुख्यमंत्री नायब सैनी के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी होंगे। इस संबंध में मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद की तरफ से लैटर जारी कर दिया गया है। इससे पहले भी राजेश खुल्लर पूर्व सीएम मनोहर लाल के कार्यकाल के दौरान चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी के पद पर रहे है। राजेश खुल्लर की ईमानदारी वाली छवि के कारण ही मनोहर लाल उन्हें पंसद करते थे। जब भाजपा ने मनोहर लाल की जगह नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाया तो राजेश खुल्लर उस समय भी चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी के पद रहे। नई सरकार के गठन के तीन दिन बाद राजेश खुल्लर को चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी के पद दोबारा नियुक्ति मिली तब उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया था। जिसका भाजपा सरकार के कुछ मंत्रियों ने विरोध किया था। मंत्रियों के विरोध के चलते राजेश खुल्लर की नियुक्ति को रोक दिया गया था। अब सोमवार देर रात मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने उनकी सीएम के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी के पद पर नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए है।
लेकिन अबकी बार उनको कैबिनेट मंत्री का दर्जा नहीं दिया गया है। राजेश खुल्लर 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। 2014 में राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद से ही वे तत्कालीन सीएम मनोहर लाल खट्टर की गुडबुक में रहे। खुल्लर 31 अगस्त 2023 को रिटायर हुए और रिटायरमेंट के 24 घंटे के भीतर ही उन्हें तत्कालीन सीएम मनोहर लाल खट्टर का चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी नियुक्त कर दिया गया। तब उन्होंने 1982 बैच के सीनियर रिटायर्ड आईएएस अधिकारी डीएस ढेसी की जगह ली थी।
खुल्लर ने ही पर्ची सिस्टम की जगह पारदर्शी व्यवस्था बनाई
अपने 35 साल के लंबे कार्यकाल के दौरान राजेश खुल्लर कई जिलों के डीसी, विभागाध्यक्ष और प्रशासनिक सचिव रहे। वर्ष 2019 में खट्टर ने उन्हें अपने प्रधान सचिव के साथ-साथ गृह सचिव की जिम्मेदारी सौंपी। खुल्लर ने जनसंपर्क एवं भाषा, जेल, आपराधिक जांच और न्याय विभाग की जिम्मेदारी भी संभाली। हरियाणा में करप्शन की जड़ समझे जाने वाले तीन प्रमुख क्षेत्रों- सरकारी भर्ती, ट्रांसफर और लैंड यूज चेंज से जुड़ी प्रक्रिया को कंप्यूटराइज्ड कराने का श्रेय राजेश खुल्लर को ही जाता है। हरियाणा इन तीनों कामों में चलने वाले पर्ची सिस्टम के कारण देशभर में सुर्खियों में रहता था। खुल्लर ने ही पर्ची सिस्टम की जगह पारदर्शी व्यवस्था बनाई। इसके बाद अब आम लोगों या कर्मचारियों को अपने ट्रांसफर से लेकर बीपीएल राशन कार्ड बनवाने तक, किसी अधिकारी या कर्मचारी पर निर्भर नहीं रहना पड़ता।
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