Chandigarh News : राजेश खुल्लर बने हरियाणा के ‘पावर सेंटर’: मुख्यमंत्री कार्यालय में साकेत को भी कमान

साकेत कुमार

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पवन शर्मा

चंडीगढ़। हरियाणा के पूर्व आईएएस अधिकारी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के करीबी राजेश खुल्लर ने एक बार फिर से राज्य के प्रशासनिक तंत्र में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) में उन्हें 21 महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके साथ ही खुल्लर को CMO का ओवरऑल इंचार्ज बनाया गया है। उनके पास वित्त, गृह, स्वास्थ्य, उद्योग, सिंचाई और नगर एवं ग्राम नियोजन जैसे बड़े विभाग हैं, जिनकी फाइलें उनकी मंजूरी के बिना आगे नहीं बढ़ेंगी।◊

राजेश खुल्लर की नियुक्ति: अभूतपूर्व और ऐतिहासिक
राजेश खुल्लर 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, जो 31 अगस्त 2023 को रिटायर हुए थे। रिटायरमेंट के 24 घंटे के भीतर उन्हें मुख्यमंत्री का चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी (CPS) नियुक्त किया गया, जो हरियाणा के प्रशासनिक इतिहास में असाधारण है। इससे पहले वह 2014 में खट्टर सरकार के पहले कार्यकाल में भी बेहद प्रभावशाली भूमिका निभा चुके हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय में जिम्मेदारी का बंटवारा
राजेश खुल्लर के अलावा मुख्यमंत्री कार्यालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को भी विभिन्न विभागों का प्रभार दिया गया है।
राजेश खुल्लर (मुख्य प्रधान सचिव)
21 विभागों की जिम्मेदारी, जिनमें आबकारी एवं कराधान, वित्त, राजस्व, स्वास्थ्य, गृह, उद्योग, सिंचाई, और जनसंपर्क शामिल हैं। विधायी कार्यों और अध्यादेश जारी करने की जिम्मेदारी।
अरुण कुमार गुप्ता (प्रधान सचिव)
9 विभागों की जिम्मेदारी।
मुख्यमंत्री की घोषणाओं से संबंधित कार्यों की निगरानी।
साकेत कुमार (अतिरिक्त प्रधान सचिव)
कृषि, विकास एवं पंचायत, महिला एवं बाल विकास, सैनिक कल्याण और सीएम विंडो के तहत विभिन्न विभागों की परफॉर्मेंस।
यशपाल (उप प्रधान सचिव)
शिक्षा, खेल, आर्किटेक्चर, हेरिटेज एंड टूरिज्म जैसे विभाग।
सुधांशु गौतम (ओएसडी)
सीएम अनाउंसमेंट, सीएम रिलीफ फंड, एचआरडीएफ और वक्फ बोर्ड।
राकेश संधु और विवेक कालिया (ओएसडी, सीएम विंडो)
जन शिकायत और जन संवाद की निगरानी।
खुल्लर की भूमिका: पावर और परफॉर्मेंस का संगम
राजेश खुल्लर को हरियाणा प्रशासन के “सुपर पावर” के रूप में देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री खट्टर के भरोसेमंद अधिकारी के रूप में उनकी नई भूमिका राज्य की नीतियों और विकास कार्यों में गति लाने का वादा करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि उनकी नियुक्ति से मुख्यमंत्री कार्यालय और राज्य सरकार के बीच समन्वय और प्रभावशीलता में सुधार होगा।
यह जिम्मेदारी केवल एक प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि राजनीतिक संदेश भी है। खुल्लर की नियुक्ति दर्शाती है कि मुख्यमंत्री खट्टर अपने दूसरे कार्यकाल में भी कुशल और विश्वसनीय अधिकारियों पर भरोसा कर रहे हैं। उनकी भूमिका न केवल मुख्यमंत्री के फैसलों को अमल में लाने की होगी, बल्कि राज्य की विकास योजनाओं को धरातल पर उतारने की भी होगी।
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि राजेश खुल्लर की नियुक्ति हरियाणा के प्रशासनिक ढांचे में एक नए युग की शुरुआत है। उनकी अनुभव और नेतृत्व क्षमता से प्रदेश में विकास कार्यों और सरकारी योजनाओं को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।