Changes Expected In Rajasthan Govt, अजीत मेंदोला, (आज समाज), नई दिल्ली: महाराष्ट्र में गुरुवार को नई सरकार के गठन के बाद भारतीय जनता पार्टी आलाकमान राजस्थान में किए गए फैसले को अब अमल में ला सकता है। राजस्थान में संगठनात्मक रूप से प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ (State BJP President Madan Rathore) को अपनी नई टीम का गठन करना है। ऐसी संभावना है कि संगठनात्मक चुनाव के दौरान ही इस माह के आखिर तक मंडल और जिलों को नए अध्यक्ष मिल जाएंगे। इसके साथ ही सरकार में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
चर्चा के लिए जल्द दिल्ली आ सकते हैं भजनलाल
सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Chief Minister Bhajan Lal Sharma) सरकार के एक साल पूरे होने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि अब जल्द ही मंत्रिमंडल में भी फेरबदल हो सकता है। मुख्यमंत्री शर्मा जल्द ही चर्चा के लिए दिल्ली आ सकते हैं। कुछ मंत्रियों के कामकाज को लेकर आलाकमान खुश नहीं है। इसके साथ ब्यूरोक्रेसी के टॉप लेवल में भी चौंकाने वाली नियुक्तियां हो सकती हैं। ब्यूरोक्रेसी के बीच तनातनी की खबरों की चर्चा यहां दिल्ली में भी जोरों पर है।
नौकरशाही के हावी होने की बड़ी चर्चा
हालांकि भजनलाल सरकार के गठन के बाद नौकरशाही के हावी होने की बड़ी चर्चा भी रही है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी आरोप लगा चुके हैं कि सरकार को ब्यूरोक्रेसी चला रही है। लोकसभा चुनाव के निराशाजनक परिणामों के पीछे भी बड़ी वजह ब्यूरोक्रेसी का हावी होना बताया गया। कार्यकर्ताओं और नेताओं में निराशा का भाव था। हालांकि अब कुछ सुधार हुआ है। मंत्री और विधायकों की कुछ सुनवाई होने लगी है, लेकिन इसी बीच ब्यूरोक्रेसी के बीच ही तनातनी की खबरों से सरकार के कामकाज पर असर पड़ा है।
मुख्यमंत्री केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के भरोसेमंद
मुख्यमंत्री शर्मा अपनी तरफ से इसी कोशिश में लगे हैं कि किसी तरह से सरकार का कामकाज प्रभावित नहीं हो। मंत्रियों और विधायकों से सीधा संवाद कर माहौल को नियंत्रण में किया हुआ है, लेकिन मंत्रियों को जिस गति से कामकाज करना चाहिए वह बात नहीं हो रही है। आलाकमान को इस संबंध में पूरी रिपोर्ट मिल रही हैं। मुख्यमंत्री केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के भरोसेमंद माने जाते हैं। इसलिए सीधे ही रिपोर्ट उन तक पहुंचती है।
मंत्रिमंडल में फेरबदल से मुख्यमंत्री को मिलेगी ताकत
मुख्यमंत्री शर्मा के पहले साल के कार्यकाल को ठीक ठाक माना जा रहा है। जबकि उनके विरोधियों ने उन्हें उतना सहयोग नहीं किया, जितना करना चाहिए था। अब मंत्रिमंडल में फेरबदल से उन्हें ताकत मिलेगी क्योंकि उनकी सलाह पर ही बदलाव होंगे। इसके साथ ही ब्यूरोक्रेसी में भी केंद्रीय आलाकमान कुछ नए चेहरे भेज सकता है। जिससे राजस्थान सरकार को लेकर आमजन में नई धारणा बने।
फिलहाल राइजिंग राजस्थान और ईआरसीपी पर फोकस
हालांकि अभी राज्य सरकार के साथ ही केंद्रीय नेतृत्व का पूरा फोकस राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट पर है। इसके साथ ही ईआरसीपी का शिलान्यास भी इसी माह होने जा रहा है। दोनों ही कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री का आना तय है। ऐसे में फिलहाल सरकार का फोकस इन दोनों कार्यक्रमों पर है। हालांकि 17 दिसंबर के बाद कुछ बड़े फैसले होने राज्य में तय है।
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