राजस्थान राजनीति में आज एक बड़ा मोड़ आया। सीएम अशोक गहलोत लगातार विधानसभा सत्र बुलाने की मांग राज्यपाल से कर रहे थे। यहां तक कि उन्होंने राजभवन में सत्र बुलाने की मांग को लेकर धरना तक दिया था। लेकिन आज राज्यपाल कालराज मिश्रा को विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए दिए गए प्रस्ताव को संसदीय कार्य विभाग को वापल लौटा दिया है। राजभवन ने कुछ और जानकारियां मांगी हैं। एजेंसी के सूत्रों के अनुसार विधानसभा सत्र पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। गौरतलब है कि राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट और उ नके समर्थकों के बागी तेवर के बाद राजस्थान में सरकार पर संकट आ गया था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान के राजनीतिक धटनाक्रम को देखते हुए जल्द से जल्द विधानसभा का सत्र बुलाना चाहते है और अपनी सरकार का बहुमत साबित करना चाहते हैं। उन्होंने इसके लिए राजभवन को यहां तक धमकी दे दी है कि अगर उनकी बात राज्यपाल नहीं सुनते हैं तो वह राजभवन का घेराव करने आ जाएंगे।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बार-बार राज्यपाल से विधानसभा सत्र को बुलाने की मांग के बावजूद कोई सुनवाई नहीं होने पर कांग्रेस की ओर सो कहा जा रहा है कि राज्यपाल केन्द्र में ‘मालिक’ के इशारे पर काम कर रहे हैं। कांग्रेस की ओर से प्रवक् ता अभिषेक मनु सिंधवी ने र विवार को कहा कि कांग्रेस राज्य में फ्लोट टेस्ट कराना चाह रही है, और इसके लिए अनुरोध कर रही है लेकिन राज्यपाल विधानसभा का सत्र नहीं बुला रहे हैं। राज्यपाल पर ओरोप लगाया कि केन्द्र सरकार के इशारे पर विश्वासमत में देरी की जा रही है। विधानसभा सत्र शुरू करने को लेकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले और कई वाकये का हवाला देते हुए राज्यपाल अपने हिसाब से नहीं चल सकते हैं और सिर्फ राज्य मंत्रिमंडल की सलाह पर ही तय कर सकते हैं।