Rajasthan Politics: लगातार चार हार बनेगा ज्योति मिर्धा की राह में रोड़ा…!

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Rajasthan Politics लगातार चार हार बनेगा ज्योति मिर्धा की राह में रोड़ा...!
Rajasthan Politics : लगातार चार हार बनेगा ज्योति मिर्धा की राह में रोड़ा...!
  • राज्यसभा के लिए प्रदेश से आएगा चौंकाने वाला नाम
  • बाहरी को भी ​बनाया जा सकता है प्रत्याशी

BJP Jyoti Mirdha, अजीत मेंदोला, (आज समाज), नई दिल्ली/जयपुर: कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने वाली ज्योति मिर्धा की लगातार एक के बाद एक हार ने उनके लिए राज्यसभा का टिकट पाना मुश्किल कर दिया है। भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी ने उन्हें पहले नागौर से विधानसभा का टिकट दिया, जहां पर उन्हें अपने ही चाचा हरेंद्र मिर्धा से शिकस्त मिली। हरेंद्र मिर्धा कांग्रेस से चुनाव लड़े थे। इस हार के बाद पार्टी ने ज्योति मिर्धा को लोकसभा चुनाव में नागौर लोकसभा सीट से मैदान में उतारा, लेकिन आरएलपी के हनुमान बेनीवाल ने उन्हें हरा दिया। देखा जाए तो ज्योति मिर्धा की लगातार चौथी हार थी।

पहला चुनाव कांग्रेस के टिकट से लड़कर जीता

साल 2009 में ज्योति मिर्धा ने पहला चुनाव कांग्रेस के टिकट से लड़कर जीता था, लेकिन उसके बाद 2014 और 2019 में नागौर से कांग्रेस ने उन्हें ही टिकट दिया। इसमें दोनों ही बार उनकी हार हुई। इसके बाद 2023 में वह भाजपा में शामिल हो गई, लेकिन यहां भी ना वे विधानसभा का चुनाव जीत सकी और ना ही लोकसभा का चुनाव।

नामी जाट नेता नाथूराम मिर्धा की पोती हैं ज्योति मिर्धा

दरअसल, राजस्थान के नामी जाट नेता नाथूराम मिर्धा की पोती ज्योति मिर्धा की लगातार हार ने राजनीतिक समीकरण बदल दिए हैं। लगातार हार से साफ हो गया कि मिर्धा परिवार का जादू नागौर में खत्म हो गया है। लोकसभा का चुनाव जीतने वाले कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल के राज्यसभा से इस्तीफा देने के बाद इस सीट पर दो सितंबर को चुनाव होना है और 14 अगस्त से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, जो 21 अगस्त तक चलेगी। जरूरत पड़ने पर दो सितंबर को चुनाव होगा। अधिक संभावना यही है कि 21 अगस्त को बीजेपी प्रत्याशी निर्विरोध चुन लिया जाएगा। बहुमत के हिसाब से यह सीट बीजेपी को मिलनी तय है।

देशभर की 12 राज्यसभा सीटों पर होगा चुनाव

राज्यसभा की 12 सीटों पर उप चुनाव की घोषणा के बाद राजस्थान से कई नामों की चर्चा शुरू हो गई। पार्टी के वरिष्ठ नेता सतीश पूनिया, राजेंद्र राठौड़, अरुण चतुर्वेदी, अलका गुर्जर के साथ ज्योति मिर्धा के नाम की चर्चा भी जोरों पर है, लेकिन अंतिम फैसला बीजेपी आलाकमान करेगा। नाम चर्चाओं में आने के बाद पार्टी के भीतर ज्योति मिर्धा की खिलाफत की खबरें है। वजह यही है कि लगातार चुनाव हारने वाले को टिकट देने का क्या आधार है।

हरियाणा चुनाव बन सकता है राजस्थान में टिकट का आधार

दरअसल, हरियाणा चुनाव को देखते हुए माना जा रहा है कि पार्टी किसी जाट नेता को टिकट दे राजस्थान और हरियाणा दोनों को साधेगी। ज्योति मिर्धा का ससुराल हरियाणा में है। इसलिए एक बार के लिए उनका नाम सुर्खियों में आ गया, लेकिन नए समीकरणों को देखते हुए देखना होगा कि पार्टी किसी लोकल को टिकट देगी या केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू को राजस्थान से राज्यसभा भेजती है। बिट्टू जट सिख हैं। लोकसभा चुनाव हारने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हे अपनी टीम में जगह दी है। बिट्टू हर लिहाज से फिट बैठते हैं। जाट वोटर्स के साथ सिखों को भी साधा जा सकता है। पार्टी के पास राजस्थान ने जाट नेता के साथ सिख की भी जरूरत है।बाकी प्रधानमंत्री मोदी कोई चौंकाने वाला नाम भी सामने ला सकते हैं।