Rajasthan Policitcs: राजस्थान कांग्रेस के नेता और पूर्व डिप्टी सचिन पायलट हाईकमान की चेतावनी की अनदेखी कर अपनी ही सरकार के खिलाफ राजधानी जयपुर में अनशन पर बैठ गए। पायलट जयपुर स्थित शहीद स्मारक के सामने अपने समर्थकों संग अनशन पर बैठे हैं। उन्होंने पिछली वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली बीजेपी की सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार पर कार्रवाई को लेकर एक दिवसीय उपवास रखने का निर्णय लिया है।
- बीजेपी की सरकार में हुए भ्रष्टाचार पर कार्रवाई की मांग
- विपक्ष पर कई घोटालों के आरोप, एक दिन का उपवास
सचिन पायलट के अनशन को राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ ही माना जा रहा है। उन्होंने कुछ दिन पहले एक प्रेस कान्फ्रेंस कर कहा था कि वह सीएम को बीते दो साल से भ्रष्टाचार पर कार्रवाई के लिए कई पत्र लख चुके हैं, लेकिन सीएम ने कार्रवाई नहीं की। पायलट ने कहा, बीजेपी के शासन में कई घोटाले हुए थे और इसी को लेकर हमारी सरकार बनी थी, लेकिन इसपर कार्रवाई नहीं हुई है।
कांग्रेस आलाकमान ने दी थी यह चेतावनी
सचिन पायलट ने कहा कि वह राज्य से करप्शन का पूरी तरह खात्मा चाहते हैं और इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि इसी मांग को लेकर वह एक दिन के अनशन पर बैठे हैं। सचिन के अनशन से एक दिन पहले कांग्रेस ने उन्हें चेतावनी भी दी थी और कहा था कि ये अनशन पार्टी विरोधी गतिविधि माना जाएगा।
हाईकमान को खुली चुनौती दे रहे पायलट : बीजेपी
बीजेपी ने पायलट के भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है। राजस्थान विधानसभा में विपक्ष व बीजेपी के नेता राजेंद्र राठौर ने कहा कि सचिन पायलट हाईकमान को खुली चुनौती दे रहे हैं। उनका दिन भर का अनशन कांग्रेस सरकार के ताबूत में आखिरी कील साबित होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देश भर में अपनी पकड़ खो दी है।
पोस्टरों से सभी कांग्रेसी नेता गायब, बड़े राजनीतिक बदलाव के संकेत
सचिन पायलट के धरनास्थल पर लगे पोस्टरों से अनशन शुरू होने से पहले ही सियासी हलचल मच गई है। दरअसल पोस्टरों में सोनिया और राहुल गांधी से लेकर किसी कांग्रेसी नेता के फोटो नहीं है। धरना स्थल पर देशभक्ति के गानों पर समर्थक नाच रहे हैं और पायलट के समर्थन में वे नारेबाजी भी कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि वे शाम चार तक धरना देंगे।
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