राजस्थान की राजनीतिक जमीन गर्म है। राजस्थान मेंतेजी से घटनाक्रम बदल रहेहैं। कई खुलासे हो रहें है तो कई आरोप प्रत्यारोप हो रहे हैं। अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच की रस्साकशी जग जाहिर थी। लेकिन सचिन ने कुछ दिनों पहले अपने बगावती तेवर दिखा और यह लगने लगा कि राजस्थान सरकार भी मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार की तरह गिर जाएगी। लेकिन अशोक गहलोत ने ऐसा नहीं होने दिया। सचिन पायलट की बगावत केबाद भी उन्होंने सरकार पर आंच नहीं आने दी। अब अशोक गहलोत नेसरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा करने वाली क्षेत्रिय पार्टी से भी समर्थन फिर से हासिल कर लिया है। दो विधायकों की पार्टी ने एक बार फिर से गहलोत सरकार को समर्थन देने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री को भारतीय ट्रायबल पार्टी से समर्थन का पत्र मिला है। गहलोत ने ट्वीट किया, ”बीटीपी के दोनों विधायकों ने उनकी प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारियों के साथ मुलाकात कर और अपने मांगपत्र के साथ चर्चा कर सरकार को समर्थन देने की घोषणा की। बीटीपी के दोनों विधायक राजकुमार रोत और रामप्रसाद ने यहां कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की। इन विधायकों ने कहा कि उनके पार्टी अध्यक्ष एवं अन्य वरिष्ठ नेताओं ने राज्य की अशोक गहलोत सरकार को सशर्त समर्थन देने पर सहमति जताई है। विधायकों के अनुसार शर्त यही है कि उनके विधानसभा क्षेत्रों में विकास संबंधी उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा।