- भाजपा भी मौन…केवल डबल इंजन की हो रही है बात
Rajasthan News | अजीत मेंदोला | जयपुर। प्रदेश में उप चुनाव के लिए प्रचार का अंतिम दौर चल रहा है। ऐसे में अब तक कांग्रेस सातों सीट पर कोई मुद्दा खड़ा नहीं कर पाई है। स्थानीय चुनावों में आमजनता से जुड़े मुद्दे गायब है। भाजपा भी मुद्दों पर मौन है और केवल डबल इंजन की सरकार की बातें की जा रही है।
हालांकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान पर्यटन विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ आर्थिक पिछड़ा वर्ग के मुद्दे को चुनाव में जोर—शोर से उठाकर अपनी पार्टी के लिए वोट मांग रहे हैं। जबकि कांग्रेस पार्टी अभी तक इस मुद्दे पर सीधे तौर पर बोलने से बच रही है।
हकीकत यह है कि कांग्रेस की ही सरकार ने ईडब्लूएस का सरलीकरण कर अगड़ी जाति के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को लाभ पहुंचाया था। उस समय अशोक गहलोत प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। अब राठौड़ इस मुद्दे को लगातार अलग—अलग मंचों पर उठाते रहे हैं।
पिछली कांग्रेस सरकार ने अगड़ी जाति के गरीब वर्ग के लिए 14 फीसदी आरक्षण देने की घोषणा की थी। इसके बाद केंद्र की मोदी सरकार ने भी अगड़ी जातियों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण देने की व्यवस्था लागू की। हालांकि उसमें कई सारे नियम ऐसे लगा दिए जो आम आदमी के लिए कठिन थे।
उस समय प्रदेश की गहलोत सरकार ने उन सभी नियमों में बदलाव कर उनका सरलीकरण कर दिया, जिससे आम गरीब को लाभ मिल सके। इनमें 5 एकड़ जमीन, 250 वर्गगज का भूखंड, 150 वर्गगज का नगर पालिका क्षेत्र में आवास, घर आदि ऐसी शर्ते थीं, जिन्हें गहलोत सरकार ने 2019 में हटा दिया था।
इससे राजस्थान में आर्थिक रूप से पिछड़े अगड़ी जाति के युवाओं को रोजगार मिलने में मदद मिलने लगी। यह बदलाव राजस्थान तक ही सीमित हो गया। अन्य राज्यों ने इस पर गौर ही नहीं किया। राठौड़ अब इसी कोशिश में लगे हैं कि ईडब्लूएस के सरलीकरण को देशभर में मुद्दा बनाया जाए, लेकिन उस तरह से मुद्दा नहीं बन पा रहा है जिससे पार्टी को लाभ मिले।
राठौड़ ने युवाओं से की अपील
राजस्थान में हो रहे उप चुनावों में राठौड़ ने युवाओं से अपील की है कि वोट ईडब्ल्यूएस का सरलीकरण करने वाली कांग्रेस के प्रत्याशी को ही वोट करें। उन्होंने जारी बयान में कहा कि भाजपा से जो भी वोट मांगने आए, उसे पूछिए कि केंद्र की भाजपा सरकार राजस्थान की तर्ज पर इसका सरलीकरण कर पूरे देश के युवाओं को क्या इसका फायदा पहुंचाएगी।
दरअसल, कांग्रेस की परेशानी यह हो गई है कि उनके नेता राहुल गांधी अभी केवल पिछड़ों को आरक्षण बढ़ाने की वकालत कर वोट मांग रहे हैं। झारखंड की चुनावी जनसभा में शुक्रवार को राहुल गांधी फिर लोकसभा चुनाव के समय वाली लाइन पर चल पड़े, यानी संविधान खतरे में है।
बीजेपी इसे खत्म करना चाहती है। हम संविधान बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। हम सत्ता में आए तो पिछड़ों का आरक्षण 50 फीसदी से ज्यादा करेंगे। ऐसे में कांग्रेस अगड़ों में आर्थिक रूप से पिछड़ों की बात खुल कर नहीं कर पा रही है।
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