- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भजनलाल शर्मा के काम पर लगाई मुहर
(Rajasthan News) अजीत मेंदोला। राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के उद्घाटन समारोह के सीतापुरा स्थित जेईसीसी में राजनीतिक रूप से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को बड़ी ताकत मिल गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में मुख्यमंत्री शर्मा की पीठ थपथपा कर उनके विरोधियों को सीधा संदेश दे दिया है कि ‘पंडित जी’ कहीं नहीं जाने वाले हैं। जानकार मान रहे हैं कि मुख्यमंत्री शर्मा ने अपने पहले कार्यकाल के पहले ही साल में खुद को साबित कर बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। ऐसे में अब उनकी कुर्सी को सुरक्षित माना जाना चाहिए। विरोधियों को अब मुख्यमंत्री की कुर्सी वापस मिलने की उम्मीद छोड़ देनी चाहिए।
राजनीतिक रूप से देखा जाए तो मुख्यमंत्री शर्मा ताकतवर हुए है। राज्य में निवेश कितना आएगा और कितना नहीं आएगा या उसका कितना लाभ मिलेगा, यह तो आने वाले दिनों में पता चलेगा लेकिन तत्काल लाभ तो फिलहाल सीएम भजनलाल शर्मा ने उठा लिया है। सीएम शर्मा पर यूं तो उप चुनाव के परिणामों ने खतरा पहले ही टाल दिया था, लेकिन शर्मा असल चिंता से सोमवार को मुक्त हुए। इसमें कोई दो राय नहीं है कि भजनलाल शर्मा पिछले साल इन्हीं दिनों जिन परिस्थितियों में मुख्यमंत्री बने थे तो उनके सामने कई चुनौतियां थी।
गैरों से ज्यादा अपनों से निपटना उनके लिए आसान नहीं था। आलाकमान ने बड़े—बड़े दिग्गजों को किनारे कर पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बना चौंकाया था। शर्मा को विधानसभा का टिकट दिए जाने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। जो बताया जाता है उसके अनुसार संघ भजनलाल शर्मा की जगह किसी दूसरे को सांगानेर से टिकट देना चाहता था, लेकिन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दखल के चलते शर्मा को सांगानेर जैसी सुरक्षित सीट से टिकट दिया गया। जहां पर उन्होंने बड़ी जीत हासिल की और सीएम बने।
गृहमंत्री के आशीर्वाद से बने मुख्यमंत्री
इसके बाद गृहमंत्री के आशीर्वाद से ही उन्हें मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला। उनके विरोधियों ने उन्हें हल्के में लेकर शुरू में कोई सहयोग नहीं किया। हालांकि धीरे—धीरे उन्होंने दिल्ली के आशीर्वाद से मजबूती से फैसले लेने शुरू किए। इसमें पहली चुनौती उनके सामने लोकसभा चुनाव की आई, लेकिन उसमें पार्टी को उम्मीद से कम सीटें मिली। सीटें हारने की वजह कुछ और ही निकली, जिनकी समीक्षा पार्टी ने कर ली है। इसके बाद उप चुनाव में 7 में से 5 सीट जीत उन्होंने अपने को साबित किया। इसके बाद राइजिंग राजस्थान ऐसी चुनौती थी, जिससे उनकी ओर सरकार की साख जुड़ी हुई थी।
सीएम ने खुद किए विदेश के दौरे और निवेशकों को किया आमंत्रित
इतना ही नहीं मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने खुद देश—विदेश के दौरे कर निवेशकों को आमंत्रित किया। इस आयोजन से पूर्व बड़ा फैसला कर एक आईएएस को एक देश के निवेशकों को देखने की जिम्मेदारी दे दी। मतलब वह आईएएस कहीं भी रहे, लेकिन निवेशकों के संपर्क में रहेंगे।
इसके बाद राइजिंग राजस्थान को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत लगा दी। पीएम मोदी ने अपने भाषण में राज्य ओर निवेश को लेकर बहुत कुछ कहा, लेकिन सीएम शर्मा के मतलब का जो था वह इस प्रकार था। पीएम मोदी ने कहा कि राजस्थान के सीएम और उनकी टीम ने कम समय में शानदार काम किया। शर्मा जिस प्रतिबद्धता से राजस्थान के विकास में जुटे हैं, वह प्रशंसनीय है।
वह गरीब, किसान, युवा हर वर्ग के लिए काम कर रहे हैं। राजस्थान में विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं। सरकार ने अपराधों पर भी नियंत्रण किया है, जिससे निवेश बढ़ेगा। यह सारी बातें एक तरह से सीएम को ताकत देने वाली थी। इस आयोजन के बाद विरोधियों की उम्मीदों को तो बड़ा झटका लगेगा ही सरकार में जिम्मेदारी संभाल रहे मंत्रियों को भी संदेश है कि सीएम को कम ना आंके। सीएम शर्मा को पीएम से मिली सराहना का लाभ उठा अब खुल कर अपने तरीके से फैसले करने चाहिए।