- जल्द हो सकता है किरोड़ीलाल के इस्तीफे पर फैसला
अजीत मेंदोला | नई दिल्ली/जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सोमवार को एक दिन के दौरे पर दिल्ली में थे। जयपुर से यहां पहुंचने पर सबसे पहले पार्टी मुख्यालय पहुंचे और उसके बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री नटवर सिंह के दाह संस्कार में शामिल होकर वापस लौट गए। इस दौरे की बड़ी खबर भाजपा मुख्यालय से सामने आई है। सीएम ने मुख्यालय में संगठन महामंत्री बीएल शर्मा से मुलाकात की।
यह मुलाकात बड़ी अहम मानी जा रही है, क्योंकि राजस्थान अब भाजपा के लिए अहम राज्य बना हुआ है। लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश के बाद भाजपा को सबसे ज्यादा नुकसान राजस्थान में हुआ है। पार्टी 25 में से 11 सीटें हार गई। इसके बाद से पार्टी राजस्थान को लेकर बहुत गंभीर है। लोकसभा चुनाव के चलते खाली हुई पांच और एक विधायक के निधन के कारण वहां पर विधानसभा की 6 सीटों पर उप चुनाव होने हैं। इस बीच प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ की नई टीम भी बननी है।
ऐसे में माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपनी सरकार की रिपोर्ट संगठन महामंत्री को सौंपी और सरकार की ओर से जनहित में उठाए जा रहे फैसलों की जानकारी दी। सरकार और संगठन में किए जाने वाले बदलाव पर भी जानकारी देने की खबरें हैं।दोनों के बीच हुई बैठक में सबसे अहम मुद्दा रहा उपचुनाव जीतना और सरकार के कामकाज का। मुख्यमंत्री ने उप चुनाव के लिए की जा रही तैयारियों की जानकारी दी।
उप चुनाव जीतना है बड़ी चुनौति
पार्टी के लिए खाली हुई देवली उनियारा, खींवसर, चौरासी, दौसा, झुंझुनूं और सलूंबर जीतना बड़ी चुनौती है। जातीय समीकरण अभी भी बीजेपी को साधने होंगे। पार्टी इसी रणनीति पर काम कर रही है कि सभी सीट जीत जाएं। यदि ऐसा नहीं हो तो कम से कम आधी सीट यानी तीन सीट हर हाल में पार्टी जीते। पार्टी यही समझने की कोशिश कर रही है कि जातीय समीकरण को कैसे साधा जाए। हालांकि मदन राठौड़ की प्रदेश अध्यक्ष पर हुई नियुक्ति के बाद ब्राह्मण और ओबीसी को साधा गया है। मुख्यमंत्री ब्रह्मण हैं तो अध्यक्ष ओबीसी के हो गए। हालांकि जाट, गुर्जर और मीणा कैसे साधे जाए इस पर मंथन चल रहा है।
किरोड़ी के इस्तीफे पर खत्म होगा सस्पेंस
इनके साथ इस्तीफा दे चुके किरोड़ी लाल मीणा पर भी जल्द फैसला हो सकता है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को बाढ़ से जूझ रहे हालातों के बीच राजस्थान के आपदा राहत मंत्री और सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदमों पर सवाल उठाकर भाजपा को घेरा है। आपदा राहत मंत्री की जिम्मेदारी किरोड़ी लाल मीणा के पास है, जो इस्तीफा दे चुके हैं। उनके इस्तीफे पर पिछले महीने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 10 दिन का समय दिया था, लेकिन एक माह से भी ज्यादा समय बीतने पर किरोड़ी पर कोई फैसला नहीं हो पाया।
जिस तरह से अब सवाल उठे हैं तो मुख्यमंत्री शर्मा को अब जल्द फैसला करने का दबाव बढ़ गया। माना जा रहा है कि संगठन महामंत्री ने हो सकता है कि किरोड़ी पर फैसला करने को कहा हो। पहले माना जा रहा था कि किरोड़ी को राज्यपाल बना उनके भाई को उनकी सीट पर चुनाव लड़वा दौसा का झगड़ा खत्म कर मीणा वोटर्स को साध लिया जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। सामाजिक समीकरणों को देखते हुए किरोड़ी पार्टी के लिए महत्वपूर्ण हो गए हैं, लेकिन पूर्व सांसद जसकौर मीणा को भी राजी रखना जरूरी है। वह अपनी बेटी को टिकट दिलवाना चाहती हैं।
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