नई दिल्ली। राजस्थान सरकार ने तीसरी बार विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा। यह संशोधित प्रस्ताव 31 जुलाई से विधानसभा सत्र बुलाने के लिए भेजा गया। गहलोत ने आज अपने निवास पर कैबिनेट की बैठक की और उसमें गहन विचार विर्मश संशोधन पर किया गया जिसके बाद तीसरी बार गहलोत सरकार ने राज्यपाल को संशोधित प्रस्ताव राजभवन भेजा। समाचार एजेंसी केअनुसार आधिकारिक सूत्रों ने बताया,’ कैबिनेट से मंजूरी के बाद संशोधित पत्रावली आज राजभवन को भेजी गई है।’ सूत्रों की मानेतो अशोक गहलोत सरकार द्वारा भेजेगए संशोधित प्रस्ताव में विश्वास मत की बात नहीं की गईहै। इसमें सत्र 31 जुलाई से सत्र शुरू करने का प्रस्ताव है। आज सीएम गहलोत के निवास पर हुई बैठक में संशोधित प्रस्ताव पर राज्यपाल द्वारा उठाए गए बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक के बाद परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि सरकार 31 जुलाई से सत्र चाहती है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा,”हम 31 जुलाई से सत्र चाहते हैं। जो पहले प्रस्ताव था वह हमारा अधिकार है, कानूनी अधिकार है। उसी को हम वापस भेज रहे हैं।’ अब अगर आप यदि तानाशही पर आ जायें, आप अगर तय कर लें कि हम जो संविधान में तय है उसे मानेंगे ही नहीं तो देश ऐसे चलेगा क्या?’ खाचरियावास ने कहा,’ … हमें पूरी उम्मीद है कि राज्यपाल महोदय देश के संविधान का सम्मान करते हुए राजस्थान की गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल के इस प्रस्ताव को मंजूर करेंगे।”