नई दिल्ली। कांग्रेस की राजस्थान सरकार को तो अशोक गहलोत ने बचा लिया लेकिन उन्होंने सचिन पायलट के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। गहलोत ने साफ तौर पर सचिन पायलट पर भाजपा से बात करनेका आरोप लगाया। उन्होंने सीधे तौर पर सचिन पायलट की निष्ठा के प्रति सवाल उठाए। उन्होंने विधायकों की हार्स ट्रेडिंग की बात कही। बावजूद इन आरोपो ंके कांग्रेस चाहती है कि सचिन पार्टी न छोड़ें। सूत्रों के अनुसार सचिन पायलट को मनाने का काम चल रहा है। इसके लिए प्रियंका गांधी वाड्रा सक्रिय हो गई हैं। बताया जा रहा है कि यूपी की महासचिव प्रियंका गांधी ने केसी वेणुगोपाल, अहमद पटेल को सचिन पायलट से बातचीत करने को कहा है। बताया जा रहा है कि पायलट केसमर्थकों को फोन कर पार्टीमें वापस आने की बात कही जा रही। जबकि सूत्रों की माने तो अशोक गहलोत को किसी भी सूरत में सचिन खेमें की वापसी पसंद नहीं हैं। इस मामले में कांग्रेस केवरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल नेट्वीट कर कहा, ‘छवि खराब करने के लिए गलत अफवाह फैलाई जा रही है। फिर सचिन पायलट ने कहा कि वो भाजपा में शामिल नहीं होंगे। मुझे लगता है कि मानेसर में रुके विधायक हरियाणा की भाजपा सरकार की नजरों में छुट्टियां मना रहे हैं। लेकिन घर वापसी का क्या?’ सचिन पायलट को कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पद से हटाने के बाद राजस्थान कांग्रेस दो फाड़ दिख रही है। कांग्रेस की आंतरिक स्थिति और फूट को लेकर कपिल सिब्बल ने भी चिंता जाहिर की थी। बताया जा रहा है कि बागी विधायक स्पीकर के नोटिस के खिलाफ कोर्ट का रुख कर सकते हैं। सरकार का भविष्य जो भी हो लेकिन पार्टी नेताओं का मानना है कि यह काफी मुश्किल दौर से गुजर रही है। हालांकि फिलहाल कांग्रेस कैंप इस बात से संतुष्ट है कि गहलोत बागियों को लेकर अपने मध्यप्रदेश और कर्नाटक के समकक्षों से बेहतर जानकारी रखते हैं।