Rajasthan Crisis – CBI to be investigated for phone tapping case – Related Patra: राजस्थान संकट- फोन टेपिंग मामले की जांच सीबीआई सेकराई जाए- संबित पात्रा

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जयपुर। राजस्थान मामला एक के बाद एक नए तूल पकड़ता जा रहा है। राजस्थान की कांग्रेस सर कार को अस्थिर करने के लिए पैसों के लेनदेन की बात सामने आने और सबूत केतौर पर फोन की रिर्काडिंग की बात कही जाने केबाद अब मामला और पेंचीदा हो गया है। अब राजस्थान की कांग्रेस सरकार के गतिरोधों के बीच आज भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा नेकांग्रेस सरकार से कई सवाल किए और सरकार पर गंभीर आरोप भी लगाए। उन्होंने मीडिया से बातचीत मेंकहा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के लिए लड़ाई थी। कांग्रसे के घर की लड़ाई सड़क पर आ गई। अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच शुरू से ही मतभेद रहे हैं। शुरू से ही गहलोत और पायलट के बीच मतभेद थे। संबित पात्रा ने सवालों की लंबी लिस्ट उठाई। उन्होंनेएक के बाद एक कई सवाल पूछे। सवालों के साथ ही संबित पात्रा ने सीबीआई जां की मांग भी इस मामले में की। ‘क्या फोन टेपिंग किया गया? क्या आधिकारिक रूप से फोन टेपिंग किया गया?’ भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कांग्रेस से पूछा, ‘क्या यह एक संवेदनशील और कानूनी विषय नहीं है? क्या फोन टेपिंग मामले में मानक प्रक्रिया एसओपी का पालन कांग्रेस द्वारा किया गया? राजस्थान की जनता जानना चाहती है कि क्या उनकी निजता खतरे में है? क्या राजस्थान की कांग्रेस सरकार खुद को विपरीत परिस्थितियों में पाकर गैर संवैधानिक तरीकों को अपना रही है? क्या कानून को ताक पर रखकर हथकंडे अपनाए जा रहे हैं? क्या राजस्थान में प्रत्येक व्यक्ति चाहे वह किसी भी पार्टी से हो, उसका फोन टेपिंग किया जा रहा है?’ भाजपा नेता ने कहा कि क्या खुद को बचाने के लिए राजस्थान में गैर संवैधानिक कदम उठाए गए? भाजपा ने आॅडियो टेप मामले की सीबीआई जांच की मांग की। पात्रा ने कहा कि आॅडियो टेप को लेकर जो एफआईआर की गई है उसमें तथाकथित शब्द का इस्तेमाल किया गया है। जबकि कांग्रेस नेता बोल रहे हैं कि यह असली है। यदि यह वास्तविक है तो बताइए क्या सभी लोगों के फोन टेप किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार को जवाब देना चाहिए कि क्या वे मुख्यमंत्री के तौर पर फोन टैपिंग में लिप्त हैं। हम इस मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हैं, चाहे फोन टैपिंग की गई हो या एसओपी का पालन किया गया हो। क्या राजस्थान में आपातकालीन स्थिति है? क्या सभी राजनीतिक दलों को इसी तरह से निशाना बनाया जा रहा है?’