Rajasthan Congress: आरएलपी के साथ गठबंधन से नाराज राजस्थान कांग्रेस के 400 कार्यकर्ताओं ने छोड़ी पार्टी

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आरएलपी के साथ गठबंधन से नाराज राजस्थान कांग्रेस के 400 कार्यकर्ताओं ने छोड़ी पार्टी।

Aaj Samaj (आज समाज), Rajasthan Congress, जयपुर: कांग्रेस द्वारा नागौर लोकसभा सीट पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के साथ गठबंधन किए जाने से नाराज पार्टी के लगभग 400 कार्यकर्ताओं ने अपनी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी सूत्रों ने यह जानकारी दी है। कांग्रेस ने गठबंधन के बाद नागौर लोकसभा सीट आरएलपी के लिए खाली छोड़ दी है। पार्टी की ओर से यहां नागौर सांसद व आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल को मैदान में उतारा गया है।

तीन कार्यकर्ताओं को सोमवार को किया था सस्पेंड

बता दें कि इसी सप्ताह सोमवार को बेनीवाल की शिकायत के आधार पर ही नागौर से बीजेपी उम्मीदवार ज्योति मिर्धा के पक्ष में प्रचार करने के आरोप में तीन कांग्रेस कार्यकर्ताओं- पूर्व विधायक भाराराम, कुचेरा नगर पालिका चेयरपर्सन तेजपाल मिर्धा और सुखाराम डोडवाडिया को 6 वर्ष के लिए निलंबित कर दिया गया था। इसको लेकर नागौर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं में खासा आक्रोश था। निलंबन का विरोध करते हुए तीनों कांग्रेस नेताओं ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।

पार्टी की स्थिति मजबूत होने के बावजूद गठबंधन क्यों : तेजपाल

तेजपाल मिर्धा ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा था कि विधानसभा चुनाव के दौरान नागौर में कांग्रेस मजबूत स्थिति में थी। उसने आठ में से चार सीटें जीतीं थी और लोकसभा चुनाव में भी उसकी स्थिति उतनी ही मजबूत थी। इसके बावजूद, आरएलपी के साथ गठबंधन क्यों किया गया। मिर्धा ने कहा कि हनुमान बेनीवाल नागौर में कांग्रेस को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे व्यक्ति के साथ गठबंधन करने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गहरा सदमा लगा है, इसलिए हम सभी अपना सामूहिक त्यागपत्र दे रहे हैं।

हम पर यह गठबंधन थोपा गया

तेजपाल मिर्धा ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान ने स्थानीय कांग्रेस राज्य इकाई की सहमति के बिना आरएलपी के साथ गठबंधन किय। यह गठबंधन हम पर थोपा गया है। उन्होंने कहा, आरएलपी ने पूरे जिले में कांग्रेस को हराने का काम किया था। हमने कभी भी बीजेपी के साथ मंच साझा नहीं किया। फिर भी बेनीवाल ने हमें पार्टी से निकाल दिया। कांग्रेस ने बिना किसी सूचना या कारण बताओ नोटिस के सीधे तुगलकी फरमान जारी कर हमें निष्कासित कर दिया।

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