Rajasthan: विरोधियों और विपक्ष पर भारी पड़ रहे हैं सीएम भजन लाल शर्मा

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Rajasthan: विरोधियों और विपक्ष पर भारी पड़ रहे हैं सीएम भजन लाल शर्मा
Rajasthan: विरोधियों और विपक्ष पर भारी पड़ रहे हैं सीएम भजन लाल शर्मा
  • पहले ही वर्ष लगाई उपलब्धियों की झड़ी 
  • सब विरोधी हो चुके हैं पूरी तरह चित्त

Rajasthan Government, अजीत मेंदोला, (आज समाज), जयपुर: साल 2023 में जब भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से यह तय किया गया कि राजस्थान की कमान पहली बार के विधायक भजन लाल शर्मा को सौंपी जाएगी तो कई सवाल उठने लगे। हालांकि अपने पहले ही साल में पहली बार के विधायक और पहली बार मुख्यमंत्री बने भजन लाल ने ऐसे कमाल कर दिए कि वे बड़े—बड़े अनुभव वालों पर भारी पड़ते हुए नजर आने लगे।

पहले से था संगठन का लंबा अनुभव

भजन लाल शर्मा के पास पहले से ही संगठन का लंबा अनुभव था और अब वह सरकार चलाने में भी महारथ हासिल कर चुके हैं। विपक्ष और पार्टी में उनके विरोधी चाह कर भी बीते एक साल में उनके खिलाफ कोई माहौल नहीं बना पाए। हालात यह है कि विरोधी पूरी तरह से चित्त हो चुके हैं। विपक्ष जब भी कोई बयान देता है भजन लाल की टीम पूरे तथ्यों के साथ ऐसे जवाब देती है कि विपक्षी पलट कर जवाब भी नहीं दे पाते हैं।

विरोधियों के दबाव में नहीं हुए विचलित 

मुख्यमंत्री शर्मा ने भले ही काम को गति पकड़ाने में थोड़ा समय लिया हो, लेकिन वह काम के और विरोधियों के दबाव में विचलित नहीं हुए। मुख्यमंत्री शर्मा के कार्यभार संभालने के समय बड़ी चुनौतियां थी। एक तो यह कि उन्हें किसी भी प्रकार का प्रशासनिक अनुभव नहीं था। इस बात का उन पर पूरा दबाव था। दूसरा अपने विरोधियों को साधने की चुनौती भी थी, लेकिन मुख्यमंत्री शर्मा ने दिल्ली को भरोसे में लेकर धीरे—धीरे काम को समझा और फिर विरोधियों को साधा।

उप-चुनाव में सूझबूझ से कांग्रेस को दिया झटका 

भजन लाल शर्मा के सामने पहली बड़ी चुनौती विधानसभा के उप चुनाव थे, जिसमें उन्होंने सूझबूझ दिखाते हुए कांग्रेस को झटका दे डाला। नतीजा यह था कि भाजपा ने सात में से पांच सीटों पर भारी जीत हासिल की। इसके बाद शर्मा ने पानी से जुड़े पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिलान्यास करवा पहला बड़ा फैसला किया। जिसका संदेश आमजन में अच्छा गया। बिगड़ी कानून व्यवस्था पर काबू कर दिल्ली को भी संदेश दिया।

अपनी टीम का सही ढंग से उपयोग किया

सबसे अहम मुख्यमंत्री शर्मा ने अपनी टीम का सही ढंग से उपयोग किया। इससे पूर्व की सरकारों में ऐसा कम ही देखने को मिलता था कि विपक्ष को हमले तुरंत जवाब दे दिया जाए। अमूमन पहले की सरकारें विपक्ष के हमले की अनदेखी कर टालने की कोशिश करती थी, लेकिन भजनलाल शर्मा ने पूरा तरीका ही बदल दिया। जैसे ही विपक्ष सरकार के कामकाज को लेकर सवाल उठाता है तो सीएम तुरंत संबंधित विभाग के मंत्री को जवाब देने के लिए मैदान में उतार देते हैं। संबंधित मंत्री अपने विभाग पर हुए हमले का वीडियो जारी कर जवाब देते हैं। साथ ही बकायदा प्रेस नोट जारी करते है। मतलब जनता को बताते है कि विपक्ष किस तरह से झूठ बोल रहा है।

एक-एक आरोप का जवाब देते हैं मंत्री 

सिलसिलेवार विपक्ष के एक—एक आरोप का मंत्री जवाब देते हैं। इससे दो फायदे हुए हैं। एक तो सरकार के मंत्रियों की एकजुटता साबित हुई। दूसरा सीएम संदेश देने में सफल है कि वह काम के प्रति लापरवाही सहन नहीं करेंगे। इससे सरकार के कामकाज पर अच्छा असर पड़ा। अफसर भी अपने काम के प्रति सजग रहते हैं। मुख्यमंत्री शर्मा और सरकार को अफसर चला रहे हैं, अब यह धारणा भी खत्म हो गई। जिसके चलते शर्मा ने एक साल में अपने को मजबूत मुख्यमंत्रियों में शामिल कर लिया।

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