Rajasthan: दौसा में पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला के काफिले की कार दुर्घटनाग्रस्त

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Rajasthan: दौसा में पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला के काफिले की कार दुर्घटनाग्रस्त
Rajasthan: दौसा में पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला के काफिले की कार दुर्घटनाग्रस्त
  • जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं फारुक
  • अजमेर दरगाह जा रहे थे, गाय से टकराई कार
  • एनसी अध्यक्ष अब्दुल्ला को कोई नुकसान नहीं

Farooq Abdullah Convoy Car Accident, (आज समाज), जयपुर: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला के काफिले की कार आज राजस्थान के दौसा ज़िले में भंडारेज के पास  हादसे का शिकार हो गई। अजमेर जाते समय दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर स्थित  पिलर नंबर 80 पर हादसा तब हुआ जब अब्दुल्ला को एस्कॉर्ट कर रही दिल्ली पुलिस की गाड़ी हाईवे पर नीलगाय से टकरा गई।

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दिल्ली पुलिस की एस्कॉर्ट गाड़ी क्षतिग्रस्त

नीलगाय से टकराने के बाद दिल्ली पुलिस की एस्कॉर्ट गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई। फारूक अब्दुल्ला को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। अधिकारियों ने पुष्टि की कि दुर्घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है, और आवश्यक जांच के बाद काफिला अपने गंतव्य पर रवाना हो गया। राजस्थान पुलिस ने इस बात की पुष्टि की है। रिपोर्ट्स के अनुसार वरिष्ठ राजनीतिक नेता फारूक अब्दुल्ला सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर माथा टेकने के लिए अजमेर जा रहे थे। यह उनकी निजी यात्रा थी। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, तेज टक्कर के कारण  कार के अगले एयरबैग खुल गए, जिससे नुकसान कम हुआ और कार में बैठे पुलिसकर्मी सुरक्षित रहे।

2019 में भी अब्दुल्ला के काफिले ने बुजुर्ग को मार दी थी टक्कर 

राजस्थान की  सदर पुलिस मामले की जांच कर रही है। यह पहली बार नहीं है जब अब्दुल्ला के काफिले में दुर्घटना हुई है। 2019 में, मध्य कश्मीर के मागाम में उनके काफिले में शामिल एक वाहन की चपेट में आने से एक बुजुर्ग व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया था।

सिविल सचिवालय के दरवाजे लोगों के लिए खुले

अजमेर दौरे से पहले,  एनसी अध्यक्ष ने बुधवार को कहा था कि जम्मू-कश्मीर सरकार के मुख्यालय, सिविल सचिवालय के दरवाजे लोगों के लिए खुले हैं, जहां वे आकर अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। पिछले साल अक्टूबर में केंद्र शासित प्रदेश में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेतृत्व वाली सरकार के गठन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद के दौर ने जम्मू-कश्मीर में एक महत्वपूर्ण बदलाव की शुरुआत की है, जहां लोगों के साथ अब सम्मान और गरिमा के साथ व्यवहार किया जा रहा है।

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