- 4 से 5 सीट जीते तो विरोधियों को लग सकता है झटका
- 5 सीटों पर भाजपा बढ़त लेती हुई आ रही है नजर
Rajasthan By Election 2024 | Cm Bhajan Lal Sharma | अजीत मेंदोला | जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के लिए राज्य में हो रहे उप चुनाव के परिणाम संजीवनी साबित हो सकते हैं। भाजपा 7 सीटों में से 4 से 5 भी अगर जीतती है तो मुख्यमंत्री शर्मा के विरोधियों को बड़ा झटका लगेगा। फिलहाल जो रिपोर्ट आ रही हैं, उसमें भाजपा 5 सीटों पर बढ़त लेती दिख रही है।
यहां दो सीटों पर टक्कर बताई जा रही है। हालांकि इन सात सीटों में भाजपा की एक मात्र सलूंबर वाली ही सीट थी। वहां पर उनके मौजूदा विधायक के निधन के चलते चुनाव हो रहा है। इसलिए भाजपा यदि अच्छे परिणाम लाती है तो इसका सीधा श्रेय मुख्यमंत्री शर्मा और प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ की जोड़ी के हिस्से में जाएगा।
उप चुनाव में असल परीक्षा प्रदेश के नेताओं की ही होती है। इसमें केंद्रीय नेतृत्व प्रचार से दूर रहता है। अभी तक के माहौल को देख कर ऐसा लगता है कि कांग्रेस के नेता चुनावों में कम ही रुचि ले रहे हैं। विधानसभा में मिली हार से भी कांग्रेसियों ने कोई सबक नहीं लिया, प्रदेश में गुटबाजी यथावत है।
जिसका अब बीजेपी को लाभ मिल रहा है। कांग्रेसी नेता ये समझ नहीं पा रहे हैं कि अगर हार हुई तो लोकसभा में मिली ताकत एकदम से खत्म हो जाएगी। मुख्यमंत्री शर्मा ताकतवर नेता के रूप में स्थापित हो जाएंगे। कांग्रेसी मुख्यमंत्री शर्मा को अभी हल्के में ले रहे हैं, लेकिन जीत के बाद शर्मा की राज्य और केंद्र में दोनों जगह ताकत बढ़ेगी।
शर्मा-राठौड़ को नहीं मिल रहा अपनों का साथ
मुख्यमंत्री शर्मा और प्रदेश अध्यक्ष राठौड़ की जोड़ी को अपनों का साथ भी खुलकर नहीं मिल रहा है। वरिष्ठ नेता तो दिखावे भर के लिए साथ हैं, जबकि कुछ मंत्रियों का व्यवहार भी ठीक नहीं बताया जाता है। ऐसे में शर्मा और राठौड़ की जोड़ी चौंकाने वाले परिणाम लाती है तो उनके जयपुर से लेकर दिल्ली तक के विरोधियों को तगड़ा झटका लगेगा।
सूत्रों की मानें तो पार्टी के एक वरिष्ठ नेता जो दिल्ली में बड़े पद पर तैनात हैं और उन्होंने शर्मा को सीएम बनाने अहम भूमिका निभाई थी, अब उनकी भी नजर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है। यह प्रमुख नेता मुख्यमंत्री की कुर्सी के साथ साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के लिए भी लॉबिंग कर हैं।
उनकी पहली नजर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है। आर्थिक रूप से बहुत सम्पन्न भी हैं, लेकिन जानकारों का कहना है कि भाजपा आलाकमान शायद अब उन्हें कोई और मौका देगा। मुख्यमंत्री शर्मा अच्छे परिणाम लाते हैं तो केंद्रीय नेतृत्व में उनका भरोसा बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री केंद्रीय नेतृत्व के हैं भरोसेमंद
शर्मा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के काफी भरोसे मंद माने जाते हैं। उनके कार्यकाल को जल्द ही एक साल हो जाएगा। उन्होंने दिल्ली को किसी प्रकार का शिकायत का मौका नहीं दिया है। विपक्ष भी कोई मुद्दा उनके खिलाफ नहीं उठा पाया है। भले ही दिल्ली के दौरे उन्होंने ज्यादा लगाए हो, लेकिन उनकी कोशिश यही रही है कि जो भी फैसले हो, उनमें कोई विवाद ना हो।
ब्यूरोक्रेसी को अब वह धीरे—धीरे कसने लगे हैं। ऐसे में चुनाव परिणाम उनका आत्मविश्वास और बढ़ा देंगे। बता दें कि राजस्थान की जिन सात सीटों पर चुनाव हो रहा है उनमें झुंझुनू, दौसा, चौरासी, सलूंबर, रामगढ़, देवली उनियारा और खींवसर है। भाजपा चौरासी और झुंझुनू में कड़ी टक्कर दे रही है।
बाकी जगह कांग्रेस कमजोर दिख रही है। कांग्रेस अपनी पांचों सीट हार जाती है तो बीजेपी फिर से ताकतवर हो जाएगी। मुख्यमंत्री शर्मा भले पहली बार सीएम बने हो, लेकिन राजनीतिक तौर पर उन्हें इतनी समझ है कि जीत उनके लिए बहुत जरूरी है। जीत से सदन के अंदर बाहर उनको ताकत मिलेगी।
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