Rajasthan में अब भजनलाल राज, दीया कुमारी व प्रेमचं बैरवा ने भी ली शपथ

0
167
Rajasthan
जयपुर स्थित अल्बर्ट हाल के सामने आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भजनलाल शर्मा व अन्य।

Aaj Samaj (आज समाज), Rajasthan, जयपुर: भाजपा के दिग्गज नेता भजनलाल शर्मा ने शुक्रवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री पद एवं गोपनीयता की शपथ ले ली। शपथ ग्रहण समारोह जयपुर स्थित अल्बर्ट हाल के सामने आयोजित किया गया। भजनलाल के साथ दो उप-मुख्यमंत्री दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा ने भी शपथ ली। राज्यपाल कलराज मिश्र ने तीनों को शपथ दिलाई।

  • 35 वर्ष से राजनीति में भजनलाल, पहली बार बने थे विधायक
  • समारोह में पूर्व सीएम अशोक गहलोत भी मंच पर उपस्थित थे

भजनलाल का शुक्रवार को जन्मदिन भी था

समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा व अन्य कई राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी मंच पर उपस्थित थे। दिलचस्प यह रहा कि भजनलाल का शुक्रवार को ही जन्मदिन भी था, ऐसे में 15 दिसंबर का दिन उनके लिए काफी बड़ा और ऐतिहासिक है। दीया और बैरवा के लिए भी शुक्रवार का दिन काफी महत्वपूर्ण रहा। बता दें कि राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों में से 199 सीट पर हुए चुनाव में बीजेपी ने 115 सीटों पर जीत दर्ज की है। करणपुर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के निधन के कारण चुनाव स्थगित कर दिया गया था। इस सीट पर अब 5 जनवरी 2024 को मतदान होगा।

33 साल बाद ब्राह्मण को राज्य की कमान

बीजेपी ने राजस्थान में भजनलाल के रूप में ब्राह्मण चेहरे पर भरोसा जताया है और यह 33 साल बाद है जब राज्य में कोई ब्राह्मण मुख्यमंत्री बना है। आखिरी बार कांग्रेस के हरिदेव जोशी 1990 तक सीएम रहे थे। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी का नाम भी आलाकमान के सामने था, लेकिन पार्टी ने भजनलाल पर भरोसा जताया। भरतपुर जिले की नदबई तहसील के अटारी गांव के मूल निवासी भजनलाल बीते 35 वर्ष से राजनीति में हैं। कॉलेज के समय से ही वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गए थे। बाद में सक्रिय राजनीति में आए।

बीजेपी ने सीएम बनाकर दिया है बड़ा संदेश

पहली बार विधायक बने भजनलाल को मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी ने पार्टी के आम कार्यकर्ताओं को बड़ा संदेश दिया है। बीजेपी के इस फैसले से साफ बात सामने आई है कि किसी भी नेता का लगातार जीत दर्ज करवाना ही किसी पद के लिए कोई बड़ा पैमाना नहीं है, बल्कि आम कार्यकर्ता और नेता की निष्ठा व समर्पण भी बेहद अहम है।

यह भी पढ़ें: 

Connect With Us: Twitter Facebook