Raid On Pharmacy Counter in Karnal एफडीए की टीम ने करनाल में बिना लाइसेंस चल रही फार्मेसी के काउंटर पर मारा छापा : स्वास्थ्य मंत्री
- दोषियों के खिलाफ की जाएगी कानूनी कार्रवाई : विज
आज समाज डिजिटल , चण्डीगढ़ :
Raid On Pharmacy Counter in Karnal : हरियाणा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनिल विज, जिनके पास खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग का प्रभार भी है, ने कहा कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीम ने करनाल के सैक्टर-7 स्थित आशीर्वाद क्लिनिक के (Raid On Pharmacy Counter in Karnal) परिसर में बिना लाईसेंस के खुले में चल रही फार्मेसी के काऊंटर पर छापा मारा और कार्रवाई करते हुए ओपन फार्मेसी के काऊंटर को बंद करवा दिया गया है।जांच पूरी करने के बाद दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस संबंध में जानकारी देते हुए विज ने बताया कि गत दिवस गुरचरण सिंह, वरिष्ठ औषधि नियंत्रण अधिकारी, करनाल एवं रितु, औषधि नियंत्रण अधिकारी, करनाल ने एलोपैथिक दवाओं की बिक्री के संबंध में एक गुप्त शिकायत की जांच के क्रम में आशीर्वाद क्लिनिक, 1466, सेक्टर 7, अर्बन एस्टेट, करनाल के अंदर स्थित डिस्पेंसरी में छापा मारा और पंजीकृत फार्मासिस्ट की अनुपस्थिति के बिना किसी वैध ड्रग लाइसेंस के कैश मेमो जारी करते हुए एक व्यक्ति को पाया।
10 प्रकार की एलोपैथिक दवाओं के नमूने एकत्र किए
उन्होंने बताया कि जांच के दौरान टीम ने क्लिनिक में बनाया गया डिस्पेंसरी का खुला काऊंटर पाया जिसे संजय आर्य पुत्र वीबी आर्य द्वारा संचालित किया जा रहा था। इस काऊंटर में कई तरह की एलोपैथिक दवाएं रखी हुई मिलीं। जांच के दौरान संजय आर्य ने खुलासा किया कि वह विज्ञान (बीएससी.) में स्नातक हैं और पिछले पांच वर्षों से 15,000 रूपए प्रति माह के वेतन पर इस डिस्पेंसरी में काम कर रहा हैं। मांग करने पर वह एलोपैथिक दवाओं की बिक्री, प्रदर्शनी या वितरण के लिए स्टॉकिंग के लिए आवश्यक कोई भी वैध दवा बिक्री लाइसेंस प्रस्तुत नहीं कर सका। हालांकि, संजय आर्य ने बताया कि डॉ सचिन कपूर इस ओपन काऊंटर और क्लिनिक के मालिक हैं और सभी दवाएं उनके नाम पर खरीदी जाती हैं।
उन्होंने बताया कि डॉ. सचिन कपूर से उनके मोबाइल पर उनके स्टाफ के माध्यम से संपर्क किया गया है और डॉ सचिन कपूर ने स्टेशन से बाहर जाने के कारण मौके पर पहुंचने में असमर्थता जताई। (Raid On Pharmacy Counter in Karnal) जांच के दौरान, प्रावधान के तहत निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार फार्म-17/17-ए के तहत स्टॉक की गई दवाओं से परीक्षण और विश्लेषण के लिए 10 प्रकार की एलोपैथिक दवाओं के नमूने एकत्र किए गए और चालान किए गए। विज ने कहा कि राज्य में लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा और इस प्रकार की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी ताकि लोगों को अच्छी व बेहतर दवाईयों की आपूर्ति सुनिश्चित हो सकें।
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