रायपुर। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला जारी रखा। सीएए और एनआरसी पर सरकार का विरोध करते हुए कहा कि सांसद राहुल गांधी ने एनआरसी (नेशनल रजिस्टर आॅफ सिटीजन) और एनपीआर (नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर) को टैक्स बताया। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि चाहे एनआरसी हो या एनपीआर हो, यह हिंदुस्तान के गरीब लोगों पर एक टैक्स है। बता दें कि राहुल गांधी छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मौजूद थे। उन्होंने यहां राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का शुभारंभ किया। इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की थाप पर उन्होंने बस्तर के आदिवासी कलाकारों के साथ नृत्य भी किया। उद्धाटन के बाद यहां उन्होंने नोटबंदी का जिक्र किया और कहा कि नोटबंदी हिंदुस्तान के गरीब लोगों पर एक टैक्स था। बैंक में जाइए, पैसा दीजिए, अपने एकाउंट से पैसा नहीं निकालिए और पूरा का पूरा पैसा 15 से 20 लोगों को दे दिया गया। यह (एनआरसी, एनपीआर) भी बिल्कुल वही चीज है। अब कागज बनवाने के लिए गरीब लोगों को रिश्वत देनी पड़ेगी। यह एक तरह से गरीबों पर हमला है। ‘आज पूरी दुनिया में कहा जा रहा है कि हिंदुस्तान में हिंसा हो रही है। महिलाओं को यहां सड़कों पर नहीं चलने दिया जा रहा है और बेरोजगारी 45 साल में सबसे ज्यादा है लेकिन प्रधानमंत्री कुछ कर नहीं पा रहे हैं।’ इस मौके पर आयोजित एक सभा में गांधी ने कहा कि सभी धर्मों, जातियों, आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों को साथ लिए बिना हिन्दुस्तान की अर्थव्यवस्था नहीं चलाई जा सकती।