Hathras Rape-Murder Case, (आज समाज), नई दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता व कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi:) उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित हाथरस दुष्कर्म व हत्या (Hathras rape and murder) मामले में आज पीड़ित परिवार से मिलने बूल गढ़ी गांव पहुंचे। सितंबर 2020 में कथित तौर पर गैंगरेप के बाद दलित परिवार की लड़की की मौत हो गई थी। राहुल के दौरे के मद्देनजर पुलिस ने चंदपा इलाके में गांव और उसके आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी थी। जानकारी के मुताबिक सुबह करीब 11.15 बजे हाथरस के बूल गढ़ी गांव पहुंचे और पीड़ित परिवार से मुलाकात की।
राहुल भ्रमित, मामले की स्थिति से बेखबर : उपमुख्यमंत्री
उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अजय राय ने आज सुबह लखनऊ में पुष्टि की थी कि राहुल गांधी हाथरस दुष्कर्म व हत्या मामले के पीड़ित परिवार से मिलने जाएंगे। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि राहुल भ्रमित हैं और मामले की स्थिति से अवगत नहीं हैं। उन्होंने कहा, सीबीआई पहले ही मामले की जांच कर चुकी है और भाजपा शासन में किसी भी अपराधी को बरी होने की इजाजत नहीं है।
सुर्खियों में रहने के लिए दौरे करते हैं राहुल
वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, चाहे संभल हो या हाथरस, राहुल गांधी केवल सुर्खियों में रहने के लिए वहां जाते रहते हैं। यूपी के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने राहुल गांधी के दौरे की आलोचना करते हुए कहा, अगर उन्हें मामले के तथ्यों की जानकारी नहीं है, तो उन्हें पता होना चाहिए कि सीबीआई जांच बहुत पहले हो चुकी है। उन्होंने कहा, अगर उन्हें किसी उच्च जांच अधिकारी के बारे में पता है, तो उन्हें हमें बताना चाहिए। इस तरह के दौरे कांग्रेस की हताशा को दर्शाने वाले महज नौटंकी हैं।
राहुल-प्रियंका देश भर में पीड़ित लोगों के संपर्क में : कांग्रेस नेता
हाथरस में कांग्रेस नेता चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने कहा, राहुल और प्रियंका गांधी जी ऐसे नेता हैं जो देश भर में पीड़ित लोगों के संपर्क में हैं। राहुल और प्रियंका गांधी ने 3 अक्टूबर, 2020 को परिवार से मुलाकात की थी और घोषणा की थी कि वे मृतक को न्याय सुनिश्चित करने के लिए लड़ेंगे।
19 वर्ष की थी पीड़िता
19 वर्षीय युवती के साथ 14 सितंबर, 2020 को कथित तौर पर गैंगरेप किया गया था। बाद में अलीगढ़ के अस्पताल में 29 सितंबर, 2020 को उसकी मौत हो गई थी। 30 अक्टूबर की सुबह युवती का अंतिम संस्कार कर दिया गया। परिवार ने आरोप लगाया था कि स्थानीय पुलिस ने उन्हें रात के अंधेरे में अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर किया था। हालांकि, स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने बताया था कि दाह संस्कार परिवार की इच्छा के अनुसार किया गया था।
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