आज समाज डिजिटल, नई दिल्ली (Rahul Gandhi News): ‘मोदी सरनेम’ पर टिप्पणी मामले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता आज दर कर दी गई। टिप्पणी को लेकर उन पर मानहानि का केस दर्ज था और गुजरात स्थित सूरत की अदालत ने कल ही राहुल को दो साल की सजा सुनाई थी। हालांकि सजा के ऐलान के कुछ देर बाद अदालत ने राहुल को जमानत दे दी थी।
- राहुल को सूरत की अदालत ने कल सुनाई थी दो साल की सजा
कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों ने किया हंगामा
कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों ने शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों में भी राहुल को सजा के खिलाफ हंगामा किया, जिस कारण संसद में कोई कामकाज नहीं हो सका। इसी के साथ राहुल द्वारा लंदन में दिए गए देश विरोधी बयानों व अडाणी मामले में हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर भी सत्ता व विपक्षी पार्टियों ने संसद में हंगामा किया, जिस वजह से फिर कार्यवाही स्थगित रही।
सचिवालय की तरफ से सात पंक्तियों की अधिसूचना जारी की गई
राहुल की लोकसभा सदस्य खत्म किए जाने को लेकर सदन के सचिवालय की तरफ से सात पंक्तियों की अधिसूचना जारी की गई। लोकसभा महासचिव उत्पल कुमार सिंह के नाम से जारी हुई अधिसूचना में कहा गया है कि सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत की तरफ से दोषी करार दिए जाने के बाद केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य किया जाता है। यह अयोग्यता उन पर दोष साबित होने के दिन यानी 23 मार्च 2023 से लागू रहेगी। अधिसूचना में कहा गया है कि यह निर्णय संविधान के अनुच्छेद 102 (1) (e) के प्रावधानों और जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा आठ के तहत लिया गया है।
अधिसूचना की एक-एक प्रति इन्हें भेजी गई
सदस्यता दर करने को लेकर जारी अधिसूचना की एक-एक प्रति राहुल गांधी, राष्ट्रपति सचिवालय, प्रधानमंत्री सचिवालय, राज्यसभा सचिवालय, चुनाव आयोग, केंद्र सरकार के सभी मंत्रालय और विभाग, केरल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी, लायसन अधिकारी, संपदा निदेशालय, संसद भवन एनेक्सी, एनडीएमसी सचिव, दूरसंचार लायसन अधिकारी और लोकसभा सचिवालय के सभी अफसरों और शाखाओं को भेजी गई है।
छह साल के लिए अयोग्य हो सकते हैं वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल
जनप्रतिनिधि कानून के मुताबिक किसी भी सांसद या विधायक को किसी मामले में यदि दो या दो साल से ज्यादा की सजा सुनाई जाती है तो उनकी सदस्यता कैंसिल हो जाएगी। इसके साथ ही वह छह साल तक चुनाव लड़ने के लिए भी अयोग्य हो जाते हैं। ऐसे में अगर राहुल गांधी को ऊपरी अदालत से अगर राहत नहीं मिली तो वह 2024 का लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे, जो कि उनके लिए बड़ा झटका होगा।
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