Rahul Gandhi
अजीत मेंदोला। नई दिल्ली।
प्रतिपक्ष के नेता पद की जिम्मेदारी संभालते ही राहुल गांधी (Rahul Gandhi) आज एक दम बदले हुए दिखाई दिए। पहनावे से लेकर हाव भाव भाषण सब कुछ एक दम गंभीर और जिम्मेदार नेता वाला था। एक दिन पहले तक टी शर्ट पैंट पहनने वाले राहुल आज एक दम परंपरागत नेताओं वाली ड्रेस पहने हुए थे। सफेद कुर्ता पहजामा पहने हुए एक दम नए रूप में दिख रहे थे।
हालांकि राहुल (Rahul Gandhi) ने 2004 में राजनीति के शुरूआती दौर में पेंट के साथ कुर्ता पहनने की कोशिश की थी, लेकिन बात बनी नहीं। उनकी ड्रेस को लेकर कई बार सवाल भी उठे। इसलिए मंगलवार को जब उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाया गया तो आज उन्होंने अपनी ड्रेस पर पूरा ध्यान दिया हुआ था। दाड़ी भी ट्रिम की हुई थी। जैसा कि होता आया है कि प्रतिपक्ष के नेता को सरकार के साथ मिल कई जिम्मेदारी निभानी होती है।
पहले दिन ही राहुल गांधी को घटक दलों ने दिया झटका
वही पहली जिम्मेदारी राहुल (Rahul Gandhi) ने आज संसद में बड़ी शालीनता से निभाई। लेकिन स्पीकर के खिलाफ चुनाव लड़वाने के मामले में राहुल अपने गठबंधन के घटक दलों को राजी नहीं कर पाए।
टीएमसी ने साफ कर दिया वह वोटिंग में साथ नहीं देंगे। केवल ध्वनि मत वोटिंग में ही साथ देंगे। फिर बाकी सहयोगियों ने भी टीएमसी के सुर में सुर मिलाया। इसके बाद बाद कांग्रेस को डिविजन की मांग छोड़नी पड़ी। इसलिए ध्वनि मत से बिड़ला स्पीकर चुने गए।
राहुल गांधी ने ओम बिड़ला को स्पीकर का चुनाव जीतने पर बधाई दी
पहली परीक्षा में राहुल भले ही पास नहीं हुए लेकिन नेता विपक्ष की जिम्मेदारी में पास दिखाई दिए। सदन का माहौल भी एक दम बदला दिखाई दिया। राहुल (Rahul Gandhi) ने प्रधानमंत्री मोदी से भी हाथ मिला शायद यही संदेश दिया कि अब वह प्रतिपक्ष के नेता हैं इसलिए बदल गए हैं।
स्पीकर का चुनाव जीतने के बाद प्रोटेम स्पीकर ने चुने गए स्पीकर ओम बिड़ला को जैसे ही सीट संभालने को कहा तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तुरंत उनकी सीट पर गए तभी संसदीय कार्यमंत्री किरण रिजुजू ने राहुल की तरफ इशारा किया।
पीएम मोदी के साथ प्रतिपक्ष के नेता होने के नाते राहुल और रिजजू स्पीकर बिड़ला को उनके आसन तक ले गए और सब ने बारी-बारी से हाथ मिला बधाई दी।
देखना होगा कि राहुल आगे की चुनौतियों से कैसे निपटेंगे
इससे पूर्व संक्षिप्त भाषण में राहुल ने स्पीकर चुने जाने पर बिड़ला को बधाई दी और सहयोग का भरोसा दिया। राहुल को सदन में आज बाकी नेताओं ने भी बधाई दी। देखना होगा कि राहुल आगे की चुनौतियों से कैसे निपटेंगे। अभी तक वह सांसद के नाते सदन में शामिल होते थे, लेकिन अब वह प्रतिपक्ष के नेता की जिम्मेदारी निभायेंगे।
जिसमें उन्हें सहयोगी दलों को भी मुद्दों पर राजी करना पड़ेगा। क्योंकि स्पीकर के चुनाव में उन्होंने विपक्ष को भरोसे में नहीं लिया तो टीएमसी ने साथ नहीं दिया। टीएमसी ने सुबह साफ किया कि वह वोटिंग में भाग नहीं लेंगे।
टीएमसी की नाराजगी इस बात को लेकर थी कि उन्हें पूछा नहीं गया। टीएमसी के रुख को फिर सपा और द्रमुक ने भी ध्वनिमत पर जोर दिया। हालांकि पार्टी प्रवक्ता जय राम रमेश ने बयान जारी कर कहा कि हम चाहते तो मत विभाजन की मांग कर सकते थे, लेकिन हमने आम सहमति और सहयोग पर जोर दिया। कांग्रेस जो भी सफाई दे लेकिन राहुल पहली परीक्षा में सफल नहीं हुए। अब सरकार के खिलाफ कोई भी कदम उठाने से पहले उन्हे सभी सयोगियों को भरोसे में लेना होगा।
यह भी पढ़ें : Faridabad News : ग्रामीण युवाओं में पैदा किए जा रहे गाय व गौ वंश सेवा के भाव
यह भी पढ़ें: UP NEWS : योगी सरकार खेती के लिए देगी और अधिक बिजली