Rahul Gandhi appears in defamation case in Surat court, next hearing on December 10: राहुल गांधी मानहानि केस में सूरत की अदालत में हुए पेश, अगली सुनवाई 10 दिसंबर

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नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी गुरुवार को सूरत की एक अदालत में पेश हुए। यहां राहुल गांधी को मानहानि के एक मामले में पेश होना पड़ा। बता दें कि राहुल गांधी अपने रैलियों के संबोधन में टिप्पणी की थी जिसे लेकर आपत्ति जताई गई थी। राहुल ने कहा था कि ‘सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों होता है? मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बी एच कपाड़िया ने मई में राहुल गांधी के खिलाफ समन जारी किए थे। यह समन स्थानीय भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी की ओर से राहुल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद जारी किए गए थे। गौरतलब है कि कर्नाटक में 13 अप्रैल को कोलार में अपनी रैली में राहुल ने कहा था कि ”नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी…. आखिर इन सभी का उपनाम मोदी क्यों है ? सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों होता है?” शिकायत में पूर्णेश मोदी ने कहा था कि कांग्रेस नेता ने अपनी इस टिप्पणी से पूरे मोदी समुदाय की मानहानि की है। जुलाई में हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने राहुल को सुनवाई में निजी तौर पर पेश होने से छूट दी थी और अगली सुनवाई की तारीख 10 अक्टूबर नियत की थी। सूरत पश्चिम विधानसभा सीट से भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने अपनी शिकायत में कहा था कि कांग्रेस नेता ने लोकसभा चुनाव के दौरान अपनी टिप्पणी से पूरे मोदी समुदाय की मानहानि की है। यह वाद विचारार्थ स्वीकार करते हुए अदालत ने कहा था कि वयनाड से सांसद के खिलाफ प्रथम दृष्टया आपराधिक मानहानि का मामला बनता है।

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बी एच कपाड़िया की अदालत में पेश हुए। अदालत ने उनसे पूछा कि क्या वह इन आरोपों को स्वीकार करते हैं तो उन्होंने कहा कि वह निर्दोष हैं। गांधी की दलील दर्ज किए जाने के बाद उनके वकीलों ने अगली सुनवाई में उनके निजी तौर पर उपस्थित रहने से स्थायी छूट मांगने वाला एक आवेदन दिया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बी एच कपाड़िया की अदालत में पेश हुए। अदालत ने उनसे पूछा कि क्या वह इन आरोपों को स्वीकार करते हैं तो उन्होंने कहा कि वह निर्दोष हैं। गांधी की दलील दर्ज किए जाने के बाद उनके वकीलों ने अगली सुनवाई में उनके निजी तौर पर उपस्थित रहने से स्थायी छूट मांगने वाला एक आवेदन दिया। याचिकाकर्ता के वकीलों ने छूट देने का विरोध किया तो अदालत ने कहा कि इस आवेदन पर वह 10 दिसंबर को फैसला करेगी। अदालत ने कहा कि उस तारीख पर अगली सुनवाई में गांधी को उपस्थित होने की कोई आवश्यकता नहीं है।