Question Hour Of Assembly
राज्य में सभी पशुओं की टैगिंग दो माह में होगी पूरी
परवाणु फल विधायन संयंत्र बनेगा आधुनिक
लोकिन्दर बेक्टा, शिमला
हिमाचल प्रदेश में एनिमल ट्रेसपास एक्ट 1861 में सरकार जल्द संशोधन कर इसे और सख्त बनाएगी। इस संबंध में सरकार जल्द ही अध्यादेश लाने वाली है। यह बात प्रदेश के पशुपालन व ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने शुक्रवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायक नरेंद्र ठाकुर के सवाल पर कही।
वीरेंद्र कंवर ने कहा कि एनिमल ट्रेसपास एक्ट में पशुओं को लावारिस छोड़ने वालों के खिलाफ सजा का प्रावधान होगा। उन्होंने कहा कि इस संशोधन से बेसहारा पशुओं की समस्या को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल में 2017 की पशु गणना के अनुसार 2474582 पशुधन है। इनमें से 18.28 लाख गौवंश हैं। इनमें से 36311 गौवंश बेसहारा है और सड़कों पर है।
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कंवर ने कहा कि प्रदेश में 85 फीसदी पशु धन को टैग लगाया जा चुका है और इन्हें पोर्टल से भी जोड़ दिया गया है। शेष 15 फीसदी पशु धन को अगले दो माह में टैग लगाने का काम पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि टैग की कमी के कारण इस कार्य में इस कार्य में देर हुई है। केंद्र सरकार ने अब प्रदेश सरकार को अपने स्तर पर टैग खरीदने की अनुमति दे दी है और अब इस काम को जल्द पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि टैगिंग का काम पूरा होने से पशु धन को सड़कों पर छोड़ने वालों की आसानी से पहचान हो सकेगी और उन्हें सजा दी जा सकेगी।
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पशु पालन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में चार नई गौ अभ्यारण्य अगले दो माह में बनकर तैयार हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हमीरपुर सहित पूरे प्रदेश की सड़कों को बेसहारा पशुओं से मुक्त करने के लिए गंभीरता से प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि हमीरपुर जिले में इस समय 26 गौ सदन और गौ अभ्यारण्य काम कर रहे हैं। इनमें से 23 गौ सदन हिमाचल प्रदेश गौ सेवा आयोग से पंजीकृति है। इन गौ सदनों और गौ अभ्यारण्य में 2226 बेसहारा पशुओं को आश्रय दिया गया है।
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उन्होंने कहा कि हमीरपुर जिले में अभी भी 1782 पशु धन सड़कों पर है। इस संबंध में विधायक पवन काजल, परमजीत सिंह पम्मी और जेआर कटवाल ने भी प्रतिपूरक सवाल पूछे। इस पर वीरेंद्र कंवर ने कहा कि बाहरी राज्यों से हिमाचल की सीमा में आवारा पशुओं को छोड़ने वालों के खिलाफ भी सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी।
उधर, विधायक रामलाल ठाकुर के एक सवाल के जवाब में ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में कृषि विभाग बिलासपुर द्वारा जिले में तीन कृषि भवनों का निर्माण किया गया और ये सभी उपयोग में लाए जा रहे हैं।
परवाणु फल विधायन संयंत्र होगा आधुनिक – महेंद्र सिंह
कांग्रेस विधायक रोहित ठाकुर के सवाल में बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ने कहा कि परवाणु फल विधायक संयंत्र के आधुनिकीकरण और इसे अपग्रेड करने के कार्य के लिए निविदाएं आमंत्रित की जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि इन निविदाओं का तकनीकी मूल्यांकन पूरा कर निविदाओं के वित्तीय भाग को भी खोला जा चुका है और अब इनका मूल्यांकन हो रहा है। उन्होंने कहा कि मूल्यांकन पूरा होते ही निविदाओं का आवंटन कर दिया जाएगा तथा सेंटर के आधुनिकीकरण का काम शुरू को जाएगा। उन्होंने कहा कि परवाणु फल विधायन संयंत्र की स्थापना वर्ष 1981 में की गई थी और इस संयंत्र की विधायक क्षमता 18 हजार मीट्रिक टन प्रतिवर्ष है। बीते तीन वर्षों में इस संयंत्र में 2326 मीट्रिक टन से अधिक एप्पल जूस कंसन्ट्रेट तैयार किया गया।
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विधायक अर्जुन सिंह के एक सवाल में राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह ने कहा कि नगरोटा सूरियां और कोटली में मिनी सचिवालय भवन बनाया जाएगा। इस संबंध में सभी औपचारिकताएं पूरी कर कार्य आरंभ किया जाएगा और बजट का भी प्रावधान किया जाएगा। विधायक रीता धीमान के एक प्रतिपूरक सवाल के जवाब में बागवानी मंत्री ने कहा कि प्रदेश के निचले इलाकों में पैदा होने वाले नींबू प्रजाति के फलों के विधायन के लिए भी संयंत्र स्थापित किया जाएगा, लेकिन अभी फलों की पैदावार इतनी नहीं है कि इसे तुरंत स्थापित किया जा सके। महेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार हिमाचल को फल राज्य के रूप में पहचान दिलाने के लिए प्रयासरत है।
शिक्षा विभाग में जल्द ही 300 प्रिंसिपलों की होगी पदोन्नति – शिक्षा मंत्री
शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने विधायक जिया लाल के एक सवाल के जवाब में कहा कि प्रदेश सरकार विभाग में जल्द ही 300 प्रिंसिपलों को पदोन्नत करने जा रही है। पदोन्नत होने वाले इन प्रिंसिपलों से राज्य के दूरदराज और जनजातीय क्षेत्रों में खाली पदों को प्राथमिकता के आधार पर भरा जाएगा।
मूल प्रश्न के उत्तर में शिक्षा मंत्री ने कहा कि भरमौर विधानसभा क्षेत्र में 37 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में से 17 बिना प्रिंसिपलों के हैं। इन स्कूलों में प्रवक्ताओं के भी 117 पद खाली हैं। उधर, विधायक कर्नल इंद्र सिंह के एक सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र के तहत दो प्राइमरी स्कूल ऐसे हैं, जिनके पास अपने भवन नहीं है। इनमें प्राथमिक स्कूल धरवासड़ा और तलवाड़ा शामिल हैं।
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