इन दिनों सबसे ज़्यादा चर्चे में रिषभ पंत है .. भारतीय टीम के लिए हर फार्मेट में धमाका करते करते पंत आईपीएल-2021 में दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान बना दिए गए हैं। दरअसल, दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान श्रेयस अय्यर को इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज के दौरान कंधे में चोट लग गई थी। दिल्ली के पास अजिंक्य रहाणे और आर अश्विन जैसे अनुभवी खिलाड़ियों का विकल्प भी था। लेकिन आखिरकार मैनेजमेंट ने ऋषभ पंत को कप्तानी की जिम्मेदारी सौंपी। इस बात को नजरअंदाज करते हुए कि ऋषभ पंत को घरेलू स्तर पर छोड़कर कप्तानी का अनुभव बिल्कुल नहीं है। जबकि आर अश्विन ने पंजाब की और अजिंक्य रहाणे ने राजस्थान की कप्तानी की हुई है। इसके साथ ही आईपीएल के इतिहास में सबसे कम उम्र में कप्तानी संभालने के मामने में ऋषभ पंत पांचवे नंबर के खिलाड़ी बन गए। उनसे पहले विराट कोहली, स्टीव स्मिथ, सुरेश रैना और श्रेयस अय्यर ने भी कम उम्र में ही कप्तानी की जिम्मेदारी संभाली थी। खैर, दिलचस्प बात है ऋषभ पंत का ‘किस्मत कनेक्शन’। ऋषभ पंत को कई बार टीम के प्लेइंग 11 में जगह इसीलिए मिली क्योंकि किसी खिलाड़ी को चोट लगी और अब तो उन्हें कप्तानी भी इसीलिए मिली क्योंकि अय्यर को चोट लगी है। साफ़ है दूसरे खिलाड़ियों की पनपती पंत के लिए चुनौती बनी और वो उसपर खरे उतरे
ऑस्ट्रेलिया टूर ने बदला पंत की पहचान
नवंबर दिसंबर में डाउन अंडर टूर पर पंत कही चर्ऑचा में भी नहीं थे .. आस्ट्रेलिया के दौरे पर पहले टेस्ट मैच में ऋद्धिमान साहा बतौर विकेटकीपर खेले थे। पहले टेस्ट मैच में कीपिंग और बल्ले दोनों से उन्होंने निराश किया था। उनसे कैच भी छूटे थे। दरअसल, साहा चोट के बाद मैदान में लौटे थे। उनकी फिटनेस पर सवाल थे। आईपीएल में भी उन्होंने आखिरी के कुछ मैच नहीं खेले थे। ऐसे में ऋषभ पंत की किस्मत खुली। दूसरे टेस्ट मैच में उन्हें साहा की जगह टीम में मौका मिला। आपको याद दिला दें कि दूसरे टेस्ट मैच में विराट कोहली की जगह अजिंक्य रहाणे कप्तानी कर रहे थे। रहाणे ने पंत को मौका दिया। हालांकि टीम मैनेजमेंट के इस फैसले की थोड़ी आलोचना भी हुई थी। अब आया तीसरा टेस्ट मैच। तीसरे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने जीत के लिए चौथी पारी में 407 रन का लक्ष्य रखा था। भारत की हार तय दिख रही थी। 102 रन पर शुभमन गिल, रोहित शर्मा और कप्तान अजिंक्य रहाणे पवेलियन लौट चुके थे। इसी नाजुक मोड़ पर ऋषभ पंत ने क्लासिक पारी खेली। उन्होंने 118 गेंद पर 97 रन बनाए। टीम के स्कोरबोर्ड 102 से 250 तक ले गए। अब जीत करीब 150 रन ही दूर थी। पुजारा अभी क्रीज पर थे ही। लेकिन 250 के स्कोर पर ही पंत आउट हो गए और 272 रन पर पुजारा का विकेट भी गिर गया। आखिरकार भारतीय टीम ने मैच बचाने का फैसला किया। लेकिन अभी ब्रिसबेन टेस्ट बाकी था। यानी ऋषभ पंत का हीरो बनना बाकी था। ब्रिसबेन ऑस्ट्रेलिया का बेहद मजबूत गढ़ था। उस पर से भी भारतीय टीम में ज्यादातर खिलाड़ियों को चोट लगी हुई थी। इस बार ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने चौथी पारी में 328 रन का लक्ष्य रखा। ऋषभ पंत ने 138 गेंद पर 89 रन बनाकर भारत को एतिहासिक जीत दिलाई। उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया। अब टेस्ट टीम में वो अपने किसी भी प्रतिद्वंदी से काफी आगे हैं। इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में पंत के प्रदर्शन ने इस बात को और अच्छी तरह साबित किया। बताते चलें कि इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में ऋषभ पंत ने 54 की औसत से 270 रन बनाए। इसमें एक शतक और दो अर्धशतक शामिल हैं।साफ़ है पंत की बल्लेबाज़ी टीम का सबसे बड़ा हथियार बन गई
तीनो फार्मेंट में फ़िट पंत
साल 2031 के बीते हर महीने के साथ पंत अपनी अलग पहचान बनाते चले गए … इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में शानदार प्रदर्शन के बाद टी-20 में भी पंत का प्रदर्शन अच्छा था। बावजूद इसके तीन वनडे मैच की सीरीज के पहले मैच में उन्हें प्लेइंग 11 में जगह नहीं मिली थी। कप्तान विराट कोहली ने विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी केएल राहुल को सौंप कर ऋषभ पंत को प्लेइंग 11 से बाहर रखने का फैसला किया था। लेकिन ऋषभ पंत की ‘किस्मत कनेक्शन’ फिर काम आया। पहले वनडे में श्रेयस अय्यर को चोट लग गई। चोट गंभीर थी। अय्यर वनडे सीरीज से बाहर हो गए। पंत को अगले मैच में मौका मिला। पंत ने अगले दोनों मैच में अर्धशतक लगाया। दिलचस्प बात ये है कि तीसरे वनडे में पंत की अर्धशतकीय पारी काफी परिपक्व थी। कुल मिलाकर अब वनडे के प्लेइंग 11 में भी पंत को बाहर रखने से पहले विराट कोहली कई बार सोचेंगे। फिलहाल अब बारी आईपीएल की है। रिषभ टीम के कप्तान है और क्या पता नया कप्तान दिल्ली को ट्राफ़ी तक पहुँचा दे