Pushpa 2 Reviews : ‘पुष्पा 2’ रिव्यू: अल्लू अर्जुन की दमदार परफॉरमेंस ने मचाई धूम

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Allu Arjun's breathtaking performance created a childhood

Pushpa 2 Reviews : ‘पुष्पा 2’ में साउथ सिनेमा के स्टार अल्लू अर्जुन की परफॉरमेंस और दमदार एक्शन सीन का संगम है। अर्जुन की शानदार परफॉरमेंस और उनके किरदार की गहराई ने फिल्म को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। खासकर जब वह बिना बोले अपनी बात कहते या रिएक्ट करते हैं; उनके चेहरे पर हर भाव और बॉडी लैंग्वेज पूरी तरह से ईमानदार लगती है। यही वजह है कि फिल्म में उनके कई क्लोज-अप शॉट देखने को मिलते हैं।

अल्लू अर्जुन की दमदार परफॉरमेंस

अल्लू अर्जुन ने अपनी एक्टिंग के हर पहलू से यह साबित कर दिया है कि उन्हें “मास हीरो” क्यों कहा जाता है। उनकी बॉडी लैंग्वेज, स्वैग और जबरदस्त एक्शन सीन फिल्म का मुख्य आकर्षण हैं। खासकर “जात्रा” सीक्वेंस और दमदार डायलॉग दर्शकों को अपनी सीट से बांधे रखते हैं। अर्जुन ने हर इमोशनल और एक्शन सीन को पूरी गंभीरता के साथ निभाया है, जिसकी वजह से दर्शक उनके किरदार से जुड़ते हैं।

रश्मिका मंदाना का अभिनय और भूमिका की सीमाएँ

फिल्म में रश्मिका मंदाना को न केवल अपनी खूबसूरती दिखाने का मौका मिलता है, बल्कि कुछ दृश्यों में उनकी अभिनय क्षमता भी झलकती है। हालांकि, पहले हाफ में उनके किरदार को केवल हीरो के स्टारडम को बढ़ाने के लिए रखा गया है, जो कुछ जगहों पर परेशान करता है। गानों में उनके डांस मूव्स बहुत ग्लैमरस और “सेक्सुअलाइज़्ड” हैं, जो टॉलीवुड फिल्मों की पुरानी फॉर्मूलाइक समस्या है।

फहाद फाजिल का अभिनय ‘पुष्पा 2’ की आत्मा है। हालांकि, फिल्म की स्क्रिप्ट ने उनके किरदार को सही तरीके से विकसित नहीं किया, जो एक महत्वपूर्ण नुकसान है। उनकी मौजूदगी ने फिल्म में गहराई ला दी, लेकिन उनके किरदार को सही जगह दिए जाने की जरूरत थी।

फिल्म के सपोर्टिंग कास्ट ने भी शानदार काम किया है। हालांकि, सौरभ सचदेवा जैसे दमदार एक्टर का सही तरीके से इस्तेमाल न करना फिल्म की कमी है। फिर भी, बाकी सभी एक्टर्स ने अपने किरदारों के साथ न्याय किया।

फिल्म की हिंदी डबिंग ने कई जगहों पर निराश किया। कई जगहों पर लिप-सिंक को ठीक करने की ज़रूरत थी और गाने भी अपनी मौलिकता खो बैठे। हिंदी गानों के बोल इतने बेअसर हैं कि कुछ लाइन्स पर आपको दांत पीसने पर मजबूर होना पड़ता है।

क्लाइमेक्स और ‘पुष्पा 3’ की तैयारी

फिल्म का दूसरा भाग ‘पुष्पा 3’ की तैयारी में घिसटता हुआ नज़र आया और कुछ जगहों पर यह नीरस लगता है। निर्देशक सुकुमार की सीक्वल की चाहत फिल्म पर भारी पड़ रही है।

क्या ‘पुष्पा 2’ देखनी चाहिए?

अगर आप साउथ सिनेमा और मास एंटरटेनर फिल्मों के फैन हैं, तो ‘पुष्पा 2’ आपके लिए परफ़ेक्ट है। अल्लू अर्जुन की अदाकारी, दमदार डायलॉग और स्टाइलिश एक्शन सीन फिल्म की जान हैं। हालांकि, कमज़ोर स्क्रिप्ट और हिंदी डबिंग की कुछ दिक्कतें इसके अनुभव को नीरस बनाती हैं। फिर भी, यह फिल्म बड़े पर्दे पर देखने लायक है।

‘पुष्पा 2’ मास एंटरटेनमेंट का जश्न है। अगर कहानी दमदार होती, तो यह फिल्म सिनेमा के इतिहास में एक नई मिसाल कायम कर सकती थी।