नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के पूर्वांचल मोर्चा ने गुरुवार को दिल्ली के सीएम केजरीवाल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। सीएम केजरीवाल ने मनोज तिवारी की इस मांग पर कि दिल्ली में भी एनआरसी लागू होना चाहिए पलटवार करते हुए कहा था कि इसमें सबसे पहले मनोज तिवारी को बाहर जाना पड़ेगा। हालांकि बाद में मनोज तिवारी ने इसका करारा जवाब अरविंद केजरीवाल को दिया था। अब मनोज तिवारी के खिलाफ अरविंद केजरीवाल के बयान से आक्रोशित बीजेपी के पूर्वांचल मोर्चा ने गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस ने बीजेपी पूर्वांचल मोर्चा के सदस्यों को हिरासत में ले लिया। बताया जा रहा है कि ये कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली भाजपा प्रमुख मनोज तिवारी पर तंज कसते हुए बीते बुधवार (25 सितंबर) को कहा कि यदि यहां राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लागू हुई तो सबसे पहले उन्हें (तिवारी को) ही शहर छोड़ना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा, ”यदि दिल्ली में एनआरसी लागू हुई तो सबसे पहले मनोज तिवारी को दिल्ली छोड़ना पड़ जाएगा।” इसके बाद भोजपुरी गायक से नेता बने तिवारी ने कहा कि इस टिप्पणी ने केजरीवाल के असली चेहरे को सामने ला दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी प्रमुख ”पूर्वांचली जैसे प्रवासियों को बाहर करना चाहते हैं। पूर्वांचली कहे जाने वाले लोग मुख्य रूप से बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के हैं।
दिल्ली के चुनाव में उनकी एक अहम भूमिका रहती है। उत्तर-पूर्व दिल्ली से लोकसभा सदस्य तिवारी ने यह दावा भी किया कि केजरीवाल (पश्चिम) बंगाल, पंजाब, मध्य प्रदेश, हरियाणा और अन्य राज्यों के लोगों को दिल्ली से हटाना चाहते हैं। तिवारी ने फेसबुक लाइव बातचीत के दौरान कहा, ”क्या भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी केजरीवाल नहीं जानते हैं कि एनआरसी क्या है? ऐसा लगता है कि केजरीवाल ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है।” उन्होंने यह भी कहा,”मैंने उनकी (केजरीवाल की) नीतियों को लेकर उनकी आलोचना की है लेकिन उन्हें कभी अपशब्द नहीं कहे। पिछले महीने तिवारी ने कहा था कि बांग्लादेशी और रोहिंग्या सहित अवैध प्रवासियों की बड़ी संख्या में मौजूदगी के चलते दिल्ली में स्थिति ‘खतरनाक हो गई है क्योंकि इन लोगों को आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त पाया गया है। इस बीच, एक अलग संवाददाता सम्मेलन में आप के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने तिवारी से पूछा कि क्या उनके पास दिल्ली में 1971 से निवास करने का सबूत है। भारद्वाज ने संवाददाताओं से कहा, ”यदि उनके पास सबूत नहीं है तो उन्हें रोजगार की तलाश में उत्तर प्रदेश, ओडिशा और बिहार से आये लोगों के लिए संकट नहीं पैदा करना चाहिए।” उन्होंने दावा किया कि भाजपा के तीन नेता –मनोज तिवारी, विजेंद्र गुप्ता और विजय गोयल–बयानबाजी में एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं, जो भगवा पार्टी में अंदरूनी कलह का स्पष्ट संकेत है।