पंजाब के राजस्व में 12.14 प्रतिशत की वृद्धि

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आज समाज डिजिटल, चंडीगढ़:
राजस्व वसूली में वृद्धि दिखाते हुए राज्य को अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक कुल 7466.62 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ। पिछले वर्ष (अप्रैल 2019 से मार्च 2020) एकत्रित 61529.27 करोड़ रुपए के राजस्व की तुलना में इस बार 68995.89 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं, जो कि 12.14 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। इस संबंधी जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि राज्य के अपने कर राजस्व (ओटीआर) में पिछले वर्ष के मुकाबले 0.19 प्रतिशत की मामूली वृद्धि का रुझान देखा गया, जो कि 30,057 करोड़ रुपए बनता है, जिसमें प्रमुख हिस्सों के तौर पर राज्य आबकारी लगभग (27 प्रतिशत), स्टैंप्स और रजिस्ट्रेशन (9 प्रतिशत) तथा वैट (3 प्रतिशत) शामिल हैं। वाहनों और एसजीएसटी पर लगने वाले टैक्सों में पिछले वर्ष के मुकाबले क्रमश : लगभग 27 व 7 प्रतिशत की कमी देखी गई है।
जिक्रयोग्य है कि राज्य का अपना कर रहित राजस्व (एनटीआर) 4152 करोड़ रुपए था और वित्त वर्ष 2019-20 दौरान इसमें 37 प्रतिशत की महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई। कुछ हैडस जैसे कि मेडिकल और पब्लिक हैल्थ (15 प्रतिशत), पुलिस (47 प्रतिशत) व खनन (33 प्रतिशत) में वृद्धि का रुझान है जो कि शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति (30 प्रतिशत), सड़क यातायात (38 प्रतिशत) तथा अन्य (62 प्रतिशत) की बड़ी गिरावट पाई गई है। राज्य में प्राप्त हुए केंद्रीय टैक्सों का हिस्सा 10,634 करोड़ रुपए बनता है, जो कि 2019-20 के मुकाबले 3 प्रतिशत (लगभग) की वृद्धि दिखाता है। प्रवक्ता ने आगे बताया कि 2020-21 दौरान केंद्र की तरफ से ग्रांट-इन-एड (जीआईए) का कुल 24,153 करोड़ प्राप्त हुआ, जो कि लगभग 65 प्रतिशत की वृद्धि दिखाता है। केंद्र की तरफ से जीआईए में 80 प्रतिशत वृद्धि हुई है जो कि 7,659 करोड़ रुपए बनता है और यह आरडी अनुदान के परिणामस्वरूप संभव हुआ है। राज्य को 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार आरडी ग्रांट के कारण वित्त वर्ष 2020-21 दौरान 638.25 करोड़ रुपए प्रति माह प्राप्त हुए हैं। राजस्व खर्च में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो कि अब 75,819 करोड़ रुपए से बढ़कर 87,096 करोड़ हो गया है, जिसमें मु य तौर पर वित्त वर्ष 2019-20 में पेंशन और रिटायरमेंट लाभों में 33 प्रतिशत (अर्थात 3,381 करोड़ रुपए) की बड़ी वृद्धि शामिल है। इसके साथ ही ब्याज के भुगतान में 1,585 करोड़ रुपए (9 प्रतिशत) की वृद्धि और आम शिक्षा के अधीन खर्च में 1,134 करोड़ रुपए (11 प्रतिशत वृद्धि) की वृद्धि देखी गई है। इसके अलावा अप्रैल-मार्च 2021 दौरान 9,657 करोड़ रुपए की बिजली सब्सिडी जारी की गई। प्रवक्ता ने बताया कि पूंजीगत खर्च में 97 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो कि 2,224 करोड़ रुपए से 4382 करोड़ रुपए तक बढ़कर लगभग दोगुना हो गया है।